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दिवाली पूजा : दिवाली रोशनी का त्योहार है। हिन्दू धर्म का यह महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस साल दिवाली 12 नवंबर यानी रविवार के दिन पूरे देश भर में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा की जाती है। लोग विधि-विधान से इनकी पूजा-आराधना करते हैं.माना जाता है आज के दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तो पर प्रसन्न होती है और उनके घर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा विधि विधान के साथ करने से घर में सुख समृद्धि सदैव बनी रहती है। लेकिन दिवाली पूजा पर कुछ गलतियां गलत प्रभाव भी डाल सकता है। जानिए आखिर दिवाली पूजा के नियम :
दिवाली पूजा में क्या करें और क्या न करें:
– ज्योतिषियों और वास्तुशास्त्रियों का कहना है कि दिवाली के दिन पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में पूजा स्थल और घर की साफ-सफाई करना बहुत जरूरी है। ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी वहीं प्रवेश करती हैं जहां साफ-सफाई होती है। ऐसे में पूजा के दिन घर और पूजा स्थल साफ-सुथरा होना चाहिए।
– पूजा स्थल पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए और पूजा करने वाले को उत्तर दिशा की ओर पीठ करके बैठना चाहिए. पूजा में चांदी के सिक्के, कमल के फूल आदि रखें। इससे घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य आता है।
– दिवाली के दिन घर में कोई भी पुराना या कबाड़ सामान न रखें. यह अशुभ है. दिवाली पर घर से टूटी घड़ियां, टूटी बोतलें, शीशे, पुराने कपड़े और अन्य कूड़ा-कचरा हटा दें जिसका आपने सालों से इस्तेमाल नहीं किया हो।
– दिवाली के दिन ऐसा कुछ भी न करें जिससे मां लक्ष्मी अप्रसन्न हों. खान-पान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। दिवाली के दिन भूलकर भी मांस, मछली, शराब आदि का सेवन न करें।
– दिवाली की रात पूजा करते समय गलती से भी पुराने या फटे कपड़े न पहनें। यदि आप ऐसा करते हैं, तो इसे तुरंत बदल दें। दरअसल, फटे कपड़े दरिद्रता की निशानी माने जाते हैं। पुराने, फटे कपड़े पहनना अशुभ होता है। पूजा के दौरान रंगों का भी ध्यान रखें, इस रात काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
– दिवाली पर घर पर ही रहने की कोशिश करें. पूजा के बाद घर बंद करके बाहर न जाएं। पूजा के समय पूरे घर को रोशनी और दीयों से रोशन करें। किसी भी कोने में अंधेरा नहीं रहना चाहिए. घर की सभी खिड़कियाँ और दरवाज़े खुले रखें ताकि माँ लक्ष्मी प्रवेश कर सकें। भले ही आपको कुछ देर के लिए घर बंद करके रिश्तेदारों या पड़ोसियों के यहां दिवाली की शुभकामनाएं देने जाना पड़े, लेकिन घर में लाइटें जलाकर रखें, अंधेरा न करें। रात को भी लाइट बंद न करें।
– दिवाली के दिन देर तक न सोएं, ऐसा करना अशुभ होता है। इस दिन नाखून काटने और शेविंग करने से भी बचना चाहिए। ये सभी काम एक दिन पहले ही कर लें.
– पूजा के लिए भगवान गणेश की मूर्ति खड़ी मुद्रा में नहीं, बल्कि बैठी हुई मुद्रा में होनी चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि जोड़ दाहिनी ओर नहीं होना चाहिए। पूजा में लाल फूलों का प्रयोग करें। दिवाली पूजन की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से करें।
– दिवाली में पूजा करते समय न तो जोर-जोर से तालियां बजानी चाहिए और न ही जोर-जोर से आरती गानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी को ज्यादा शोर-शराबा पसंद नहीं है। इससे वह नाराज हो सकती है। भगवान विष्णु के बिना देवी लक्ष्मी की पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसे में अकेले उनकी पूजा न करें।
– पूजा के बाद पूजा स्थल को खाली या अंधेरा न छोड़ें। दीपक में इतना तेल और घी का प्रयोग करें कि दीपक रात भर जलता रहे। कोशिश करें कि पूजा के दीपक थोड़े बड़े हों।