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Diwali Pooja Shubh Muhurat: आज देशभर में दीपोत्सव का पर्व, जानिए महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त

jantaserishta.com
4 Nov 2021 4:48 AM GMT
Diwali Pooja Shubh Muhurat: आज देशभर में दीपोत्सव का पर्व, जानिए महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त
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Diwali 2021 Puja : हर साल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विधान हैं। भगवान गणेश प्रथम पूजनीय देव हैं और माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की कृपा से जीवन सुखमय हो जाता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त में पूजा करने का बहुत अधिक महत्व होता है। शुभ मुहूर्त में पूजा करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं दिवाली के दिन के शुभ मुहूर्त, पूजा- विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट...

पूजा का शुभ मुहूर्त-
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 06:09 पी एम से 08:04 पी एम
अवधि - 01 घण्टा 56 मिनट
दीवाली लक्ष्मी पूजा के लिये शुभ चौघड़िया मुहूर्त
प्रातः मुहूर्त (शुभ) - 06:35 ए एम से 07:58 ए एम
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - 10:42 ए एम से 02:49 पी एम
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - 04:11 पी एम से 05:34 पी एम
सायाह्न मुहूर्त (अमृत, चर) - 05:34 पी एम से 08:49 पी एम
रात्रि मुहूर्त (लाभ) - 12:05 ए एम से 01:43 ए एम, नवम्बर 05
पूजा- विधि
घर के पूजा स्थल को अच्छे से स्वच्छ करें।
एक लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और वस्त्र पर अक्षत अर्थात साबुत चावलों की एक परत बिछा दें। इस पर श्री लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा को विराजमान करें।
यदि घर में श्रीलक्ष्मी गणेश का चांदी का सिक्का और श्रीयंत्र भी हो तो उन्हें भी इसी आसान पर स्थापित करें। पूजन के लिए फूल, मिठाई, खील, बताशे आदि रखें। लक्ष्मी गणेश के पूजन के लिए घी का एक दीपक बनाएं अन्य दीयों में सरसों के तेल का प्रयोग कर सकते हैं। सर्वप्रथम घी का दीया प्रज्वलित करें।
विधि- विधान से भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का अधिक से अधिक ध्यान करें।
भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की आरती जरूर करें।
आरती के बाद घर के सभी सदस्यों को प्रसाद दें।
सामग्री की लिस्ट- (Diwali Pujan Samagri)-
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा, रोली, कुमुकम, अक्षत (चावल), पान, सुपारी, नारियल, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, अगरबत्तियां, मिट्टी, दीपक, रूई, कलावा, शहद, दही, गंगाजल, गुड़, धनिया, फल, फूल, जौ, गेहूं, दूर्वा, चंदन, सिंदूर, पंचामृत, दूध, मेवे, खील, बताशे, जनेऊ, श्वेस वस्त्र, इत्र, चौकी, कलश, कमल गट्टे की माला, शंख, आसन, थाली. चांदी का सिक्का, चंदन, बैठने के लिए आसन, हवन कुंड, हवन सामग्री, आम के पत्ते प्रसाद।


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