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23 अक्टूबर से शुरू हो रहा दिवाली का पर्व, जानें धनतेरस का शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक दिवाली का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाई जाती है। दीपावली का पर्व की तैयारी काफी जोरो शोरों से चल रही है। माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर जाती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती है। वहीं दिवाली मनाने के पीछे की कहानी भगवान श्रीराम से संबंधित है। माना जाता है कि प्रभु श्री राम लंकापति रावण का वध करके और 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे। उनके आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाकर पूरी अयोध्या को रोशनी से जगमगा दिया। तभी से हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व मनाया जाता है। 5 दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत धनतेरस के साथ होती है और समापन भैया दूज के साथ होता है। जानिए दिवाली के 5 दिनों का पूरा कैलेंडर और शुभ मुहूर्त।
कब है धनतेरस 2022
दिवाली से 5 दिन पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इसके साथ ही इसे धनवंतरी जयंती के नाम से भी जानते हैं। इस दिन भगवान कुबेर के साथ धनवंतरी की पूजा अर्चना की जाती है। धनतेरस के दिन सोना-चांदी सहित अन्य चीजें खरीदना शुभ माना जाता है।
कार्तिक माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि आरंभ - 22 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 02 मिनट से
कार्तिक माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त - 23 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 03 मिनट तक
पूजन का शुभ मुहूर्त - 23 अक्टूबर 2022 को रविवार शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 5 मिनट तक
प्रदोष काल: शाम 5 बजकर 44 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक।
वृषभ काल: शाम 6 बजकर 58 मिनट से रात 8 बजकर 54 मिनट तक।
नरक चतुर्दशी 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस साल नरक चतुर्दशी और दिवाली का पर्व एक ही दिन मनाया जा रहा है। माना जाता है कि कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण से भौमासुर यानी नरकासुर का वध किया था और 16 हजार कन्याओं को मुक्त कराया था। इस कारण हर साल इस दिन को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाते हैं।
नरक चतुर्दशी के दिन रात के समय नाली, शौचालय, मुख्य द्वार आदि में तेल के दीपक जलाकर रखे जाते हैं।
दिवाली 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व मनाया जाता है। । सुख-समृद्धि का प्रतीक दीपावली के इस पर्व में मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इसके साथ ही पूरे घर को दीपक, झालरों आदि से सजाया जाता है और अंधेरे से मुक्ति पाई जाती है।
कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि- 23 अक्टूबर 2 शाम 6 बजकर 04 मिनट से शुरू होकर 24 तारीख को शाम 5 बजकर 28 मिनट तक
कृष्ण पक्ष की अमावस्या- 24 तारीख को शाम 5 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर 25 अक्टूबर शाम 4 बजकर 18 मिनट तक
प्रदोष व्रत पूजा- 24 अक्टूबर शाम 5 बजकर 50 मिनट से रात 8 बजकर 22 मिनट तक
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 24 अक्टूबर शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- 24 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 19 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक
अमृत काल मुहूर्त - 24 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 40 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक
विजय मुहूर्त- 24 अक्टूबर दोपहर 01 बजकर 36 मिनट से 02 बजकर 21 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त- 24 अक्टूबर शाम 05 बजकर 12 मिनट से 05 बजकर 36 मिनट तक
गोवर्धन पूजा 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
दिवाली के अगले दिन ही गोवर्धन पूजा की जाती है। इसे अन्नकूट नाम से भी जानते हैं। गोवर्धन पूजा गोवर्धन पर्वत और भगवान श्रीकृष्ण से समर्पित है। इस दिन गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति दी जाती है। इसके साथ ही उन्हें चने की दाल और चावल का भोग लगाया जाता है।
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- 25 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर 18 मिनट कर
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि समाप्त - 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक
गोवर्धन पूजा मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 33 मिनट से 26 अक्टूबर सुबह 08 बजकर 48 मिनट तक
भाई दूज 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। लेकिन इस बार गोवर्धन पूजा और भाई दूज का पर्व एक ही मनाया जा रहा है। भैया दूज के दिन बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए तिलक लगाती है। भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जानते हैं। इस दिन भाई के साथ यमुना जी स्नान करना लाभकारी माना जाता है।
भाई दूज पूजा मुहूर्त - 26 अक्टूबर दोपहर 01 बजकर 18 मिनट तक दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि शुरू - 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से शुरू
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि समाप्त - 27 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक।