धर्म-अध्यात्म

Diwali 2022 Laxmi Puja: दिवाली की रात पूजा में सबसे पहले करें आचमन

Rani Sahu
23 Oct 2022 5:31 PM GMT
Diwali 2022 Laxmi Puja: दिवाली की रात पूजा में सबसे पहले करें आचमन
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नई दिल्लीः Diwali 2022 Laxmi Puja: दिवाली का त्योहार सोमवार यानी 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन मां लक्ष्मी और कुबेर भगवान की पूजा की जाती है. इससे महालक्ष्मी और कुबेर धन-धान्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. दिवाली के पावन अवसर पर जानिए किस तरह करें लक्ष्मी पूजनः
पूजा में सबसे पहले करें आचमन
पूजा करने के लिए उत्तर अथवा पूर्व दिशा में मुख होना चाहिए. सबसे पहले आचमन करें. ऊँ कहकर हाथ धो लें. धूप-दीप जलाएं घर के हर कोने को प्रकाशित करें. शुद्ध घी का चौमुखा दीपक प्रज्ज्वलित करके देवता की दाहिनी दिशा में अक्षत बिछाकर उस पर रखे दें. यह दीपक पूरी रात जलना चाहिए. दीपक प्रज्ज्वलित कर, हाथ धो लें. 'ॐ दीप ज्योतिर्नमोस्तुते' मंत्र बोलकर गंध व पुष्प, दीपक पर अर्पित करें.
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दिवाली पूजा का लें संकल्प
दिवाली की पूजा का संकल्प करें. संकल्प के समय हाथ में चावल, फूल, द्रव्य दक्षिणा और पानी लें. चौकी के ऊपर लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा और श्री यंत्र को स्थापित करें. कलश की स्थापना करें. हाथ में पुष्प लेकर लक्ष्मी-गणेश का ध्यान करें. लक्ष्मी-गणेश को स्नान कराएं. स्नान के बाद उन्हें वस्त्र अर्पित करें. दो चम्मच जल जमीन पर डालें. लक्ष्मी-गणेश को रोली का तिलक करें.
मां को पुष्प माला चढ़ाएं
उन्हें चावल अर्पित करें. पुष्प माला चढ़ाएं. बिल्व पत्र चढ़ाएं. धूप-दीप दिखाएं. अपने हाथ धोकर नैवेद्य में खील, बताशा, मखाना, और फल चढ़ाएं. फलों में सिंघाड़ा व नारियल चढ़ाएं. अपनी श्रद्धा के अनुसार दक्षिणा अर्पित करें. लक्ष्मी-गणेश को पुष्पांजलि अर्पित करें. जलाए गए समस्त दीपक की खील से पूजा करें.
शुभं करोतु कल्याणं आरोग्यं सुखसम्पदम. शत्रु बुद्धि विनाशाय च दीप ज्योतिर्नमोस्तुते. इस मंत्र के साथ लक्ष्मी पूजन करें. आखिर में सारे दीपक लेकर आरती करें. पूजा के अंत में महालक्ष्मी जी की प्रार्थना करें. उनको महालक्ष्मी जी को कमल के पुष्प या मखाने अर्पित करें.
राशि के अनुसार इस मंत्र से करें लक्ष्मी पूजन
मेष- ऊँ श्रीं श्रियै नम:
वृष- ऊँ ह्रीं महालक्ष्म्यै नम:
मिथुन- ऊँ श्रीं कमलायै नम:
कर्क - ऊँ श्रीं सम्पत्यै नम:
सिंह- ऊँ ह्रीं नारायणायै नम:
कन्या- ऊँ श्रीं पद्मायै नम:
तुला- ऊँ ह्रीं चंचलायै नम:
वृश्चिक- ऊँ श्रीं रमायै नम:
धनु- ऊँ ख्यात्रै नम:
मकर- ऊँ ललितायै नम:
कुंभ- ऊँ श्रीं ऋद्धिदात्रै नम:
मीन- ऊँ ह्रीं सिद्धिदात्रै नम:
Rani Sahu

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