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धर्म-अध्यात्म
घर की हर दिशा में होता है अलग-अलग देवता का वास, आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए रखें इस दिशा का ध्यान
Tulsi Rao
29 Jan 2022 5:36 PM GMT
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वास्तु के अनुसार कुछ चीजों का ध्यान रखकर घर में निगेटिव एनर्जी को रोका जाता है. निगेटिव एनर्जी आय, सेहत, रिश्ते आदि सबको प्रभावित करती है. आइए जानें घर की कौन-सी दिशा का संबंध किस देवता से है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Vastu Tips Home: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की हर दिशा किसी न किसी देवता को समर्पित होती है. मान्यता है कि अगर उस दिशा में उनसे संबंधित वस्तुएं रखी जाएं, तो घर में सकारात्मकता का विकास होता है. वास्तु जानकारों का कहना है कि घर में चीजों को सही से नहीं रखने पर वास्तु दोष उत्पन्न होता है, जिससे नकारात्मकता आती है. इससे घर में बाधा उत्पन्न होती है. वास्तु शास्त्र में एनर्जी को महत्व दिया गया है. वास्तु के अनुसार कुछ चीजों का ध्यान रखकर घर में निगेटिव एनर्जी को रोका जाता है. निगेटिव एनर्जी आय, सेहत, रिश्ते आदि सबको प्रभावित करती है. आइए जानें घर की कौन-सी दिशा का संबंध किस देवता से है.
पूर्व दिशा
वास्तु जानकारों के अनुसार घर की पूर्व दिशा इंद्र और सूर्य देव का अधिपति मानी जाती है. मान्यता है कि इस दिशा को खाली रखना चाहिए. इतना ही नहीं, यहां पर सूर्य की रोशनी भी आनी चाहिए. सुख समृद्धि के लिए इस दिशा का ध्यान रखना जरूरी होता है. पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य ग्रह हैं.
पश्चिम दिशा
पश्चिम दिशा वरुण देव को समर्पित है. इस दिशा में बाथरूम या किचन बनवाना सही रहता है. वरुण देव जल तत्व का प्रतीक हैं. पश्चिम दिशा के स्वामी शनि ग्रह हैं.
उत्तर दिशा
घर की उत्तर दिशा कुबेर देव को समर्पित है. इसे धन लाभ की दिशा माना जाता है. इस दिशा में आलमारी, तिजोरी आदि रखने की सलाह दी जाती है. इससे धन में वृद्धि होती है. उत्तर दिशा के स्वामी बुध ग्रह हैं.
दक्षिण दिशा
दक्षिण दिशा का स्वामी यमराज को माना जाता है. यह मृत्यु के देवता हैं. इस दिशा को कभी खाली नहीं रखना चाहिए. कहते हैं कि इसमें भारी सामान रखा जा सकता है. दक्षिण दिशा के स्वामी ग्रह मंगल हैं.
ईशान कोण
घर के उत्तर-पूर्व दिशा के कोण को ईशान कोण कहा जाता है. इस दिशा के अधिपति भगवान शिव हैं और स्वामी ग्रह गुरु हैं. मान्यता है कि ईशान कोण में पूजा घर बनवाना शुभ होता है.
वायव्य कोण
घर के पश्चिम-उत्तर दिशा के कोण को वायव्य कोण कहा जाता है. वायव्य कोण के देवता वायु देव हैं. वास्तु के अनुसार वायव्य कोण में स्टोर रूम, शौचालय, बाथरूम आदि बनवाना चाहिए. इस दिशा के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं.
नैऋत्य कोण
वास्तु अनुसार घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा के देव निरती हैं. इस दिशा का तत्व पृथ्वी है. ऐसे में आप नैऋत्य कोण में मिट्टी से बनी वस्तुओं को रखें. बता दें कि नैऋत्य कोण का स्वामी ग्रह राहु है.
आग्नेय कोण
घर के दक्षिण-पूर्व कोण को आग्नेय कोण कहा जाता है. इसका संबंध अग्नि तत्व से है. इस दिशा में इलेक्टॉनिक का सामान रखा जा सकता है. या फिर किचन बनवा सकते हैं. इस दिशा के स्वामी शुक्र देव हैं.
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