धर्म-अध्यात्म

Dhanvantari Jayanti 2021: इस दिन है धनतेरस, जानिए समय, महत्व और मंत्र के बारे में

Rani Sahu
1 Nov 2021 5:08 PM GMT
Dhanvantari Jayanti 2021: इस दिन है धनतेरस, जानिए समय, महत्व और मंत्र के बारे में
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दिवाली अब बहुत ही समीप है. इस दिन का इंतजार लोग पूरे साल करते हैं

दिवाली अब बहुत ही समीप है. इस दिन का इंतजार लोग पूरे साल करते हैं. आखिरकार अब दिवाली कुछ ही घंटों के बाद मनाई जाएगी. ये खुशियां बांटने का त्योहार है. इसकी शुरुआत 'धनतेरस' से होती है. धनतेरस के दिन ही धन्वंतरि जयंती मनाई जाएगी. इन्हें भगवान विष्णु के एक अवतार के रूप में जाना जाता है.

धन्वंतरि जयंती जिसे धन्वंतरि त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली से दो दिन पहले मनाई जाती है. ये दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं. पुराणों में धन्वंतरि को आयुर्वेद का देवता बताया गया है.
रोग के कष्ट से मुक्ति के लिए उन्होंने आयुर्वेद के ज्ञान को मानव जाति के साथ साझा किया. लोग विशेष रूप से धनतेरस के दिन सभी मानव जाति के लिए अच्छे स्वास्थ्य के लिए आशीर्वाद लेने के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं. वो भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र स्थापित करते हैं और प्रार्थना करते हैं.
इस वर्ष धन्वंतरि जयंती 2 नवंबर, 2021 को मनाई जाएगी.
धन्वंतरि जयंती 2021: तिथि और समय
पूजा मुहूर्त- 18:17 – 20:11
यम दीपन मंगलवार, 2 नवंबर, 2021
प्रदोष काल 17:35 – 20:11
वृषभ काल 18:17 – 20:12
त्रयोदशी तिथि 02 नवंबर को 11:31 बजे शुरू हो रही है
त्रयोदशी तिथि 03 नवंबर को 09:02 बजे समाप्त होगी
धन्वंतरि जयंती 2021: महत्व
अमृता (अमरता का दिव्य अमृत) पाने के लिए देवों और असुरों ने समुद्र मंथन किया. समुद्र मंथन के दौरान धन के देवता धनत्रयोदशी के दिन माता लक्ष्मी दूध के सागर से निकलीं. समुद्र से, धन्वंतरि जो भगवान विष्णु के अवतार के रूप में जाने जाते हैं और देवताओं के चिकित्सक भी धनतेरस के दिन निकले थे. वो अमृत का घड़ा ले जा रहे थे.
धन्वंतरि को चिकित्सा और औषधि के देवता के रूप में जाना जाता है और वो देवताओं के चिकित्सक भी हैं. उन्हें भगवान विष्णु, आदि नारायण की संबद्धता के रूप में दर्शाया गया है, उनका निवास समुद्र है, वो कमल पर शंख और चक्र धारण करते हैं. उनके प्रतीक अमृता और जोंक हैं. इनके पिता दिर्घतम और पुत्र केतुमन हैं.
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 28 अक्टूबर, 2016 से मनाया जाता है. भारतीय आयुष मंत्रालय ने धनतेरस को "राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस" ​​के रूप में मनाने की घोषणा की.
मंत्र
ऊं नमो भगवते वासुदेवय धन्वंतरे अमृत कलश हस्तय सर्वमाया विनाश्य त्रैलोक्य नाथय
श्री महाविष्णवे नमः


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