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धर्म-अध्यात्म
देवशयनी एकादशी का व्रत आज, होगा तुलसी का पौधा, अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद
Bhumika Sahu
10 July 2022 11:06 AM GMT
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अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हल्द्वानी, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु चार माह के लिये क्षीर सागर में विश्राम के लिए प्रस्थान करेंगे। सनातन धर्म में इस एकादशी को हरिशयन एकादशी, पद्मा एकादशी, महाएकादशी व देवशयनी एकादशी आदि नामों से जाना जाता है।
पंडित नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि चातुर्मास्य के नियम भी इस एकादशी से शुरू हो जायेंगे। रविवार 10 जुलाई को हरिशयन यानी देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी। भगवान विष्णु कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी को फिर से अपनी सत्ता ग्रहण करेंगे। इन चार माह में विवाह, मुंडन, जनेऊ आदि मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा। एकादशी तिथि 9 जुलाई को शाम 4 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर अगले दिन रविवार दोपहर 2:14 मिनट तक रहेगी। 10 जुलाई को सुबह से ही हरिशयन एकादशी मनाना उचित रहेगा।
उन्होंने बताया कि इसी दिन देवशयनी एकादशी व्रत भी रखा जाएगा। जिस दौरान लोग घर में मौजूद पवित्र स्थान में तुलसी पौधे का रोपण करेंगे। इस दौरान तुलसी पौधे में जल व दीपक जलाने से पूर्ण पूजन का फल प्राप्त होता है। श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के नवम स्कन्ध में मां तुलसी के अवतरण की कथा आती है, जो साक्षात लक्ष्मी जी का ही स्वरुप हैं।
उन्होंने बताया कि कुछ लोगों में रविवार को तुलसी पौध रोपण को लेकर शंका रहती है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में रविवार को तुलसी तोड़ना निषेध माना जाता है। साथ ही तुलसी भक्षण का भी निषेध है। लेकिन तुलसी पौधा लगाना निषेध नहीं है। इसलिए सभी लोग रविवार को सुबह 8:30 बजे से 2:20 बजे तक तुलसी पौध लगा सकते हैं। उन्होंने बताया कि नित्य तुलसी में जल चढ़ाने व दीपक जलाने से दरिद्रता दूर होती है और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। तुलसी में जल चढ़ाने से अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है।
इस मंत्र का करें जाप
महाप्रसादजननी सर्व सौभाग्यदायिनी।
विष्णु प्रीतिकरानित्यं सिंचयामि हरिप्रियाम्।।
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