धर्म-अध्यात्म

भक्तों को नवरात्रि के दूसरे दिन जरूर पढ़े मां ब्रह्मचारिणी की ये प्रचलित कथा

Teja
3 April 2022 5:24 AM GMT
भक्तों को नवरात्रि के दूसरे दिन जरूर पढ़े मां ब्रह्मचारिणी की ये प्रचलित कथा
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नवरात्रि का दूसरा दिन – दुर्गा मां के भक्तों को नवरात्रि का बेसब्री से इंतजार रहता है. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. वहीं दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी (Mata Brahmacharini) को समर्पित है. ब्रह्मचारिणी मतलब ब्रह्म यानि तपस्या का आचरण करने वाली. इनका दूसरा नाम तपस्चारिणी भी है. इस साल 3 अप्रैल को मां के दूसरे रूप ब्रह्मचारिणी मां की पूजा (brahmacharini Puja) की जाएगी और उन्हें प्रसन्न किया जाएगा. लेकिन किसी भी देवी-देवता की से जुड़ा व्रत कर रहे हैं तो ऐसे में व्रत कथा पढ़नी जरूरी है. वरना पूजा अधूरी रह सकती है. ऐसे मे आपको ब्रह्मचारिणी मां की व्रत कथा के बारे में पता होना जरूरी है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि ब्रह्मचारिणी मां की व्रत कथा (brahmacharini Vrat katha) क्या है. पढ़ते हैं

नवरात्रि के दूसरे दिन पढ़ें व्रत कथा
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, ब्रह्मचारिणी माता ने पुत्री बनकर पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लिया. माता भगवान शंकर को पति के रूप में पाना चाहती थीं. अपनी इस इच्छा को पूरा करने के लिए नारद जी की सलाह पर माता ने कठोर तप किया. तपस्या के कारण ही इनका नाम ब्रह्मचारिणी रखा गया. 1000 सालों तक इन्होंने फल और फूल खाकर अपना समय व्यतीत किया. साथ ही 100 वर्ष तक जमीन पर रहकर तपस्या की. कहते हैं कि कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रहकर तपस्या करने से देवता प्रसन्न हुए और मनोकामना पूर्ति का वरदान मिला.
नवरात्रि के दूसरे दिन की पूजा विधि
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले स्नान करें. उसके बाद जमीन पर आसन बिछाएं और माता की मूर्ति के सामने फूल, माला, चावल, रोली, चंदन आदि अर्पित करें. अब पंचामृत चढ़ाकर मिठाई का भोग लगाएं और माता के सामने पान, सुपारी, लौंग, इलाइची अर्पित करें. अब मंत्र का जप करें उसके बाद मां की आरती जरूर गाएं.
नोट – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है. india.com इसकी पुष्टि नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें.



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