धर्म-अध्यात्म

Dev Deepawali नोट करें सही तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त

Tara Tandi
9 Nov 2024 6:47 AM GMT
Dev Deepawali  नोट करें सही तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त
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Dev Deepawali ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन देव दीपावली को बहुत ही खास माना गया है जो कि दिवाली के बाद मनाई जाती है। इस दिन देवी देवता धरती पर आकर दिवाली मनाते हैं यही कारण है कि इसे देव दीपावली के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की पूर्णिमा पर देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है जो कि दिवाली के 15 दिनों के बाद पड़ती है।
इस दिन पूजा पाठ और मंत्रों का जाप करने से जीवन की सारी दुख परेशानियां दूर हो जाती है और ईश्वर की असीम कृपा प्राप्त होती है। इस साल देव दीपावली का त्योहार 15 नवंबर को मनाया जाएगा। इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा भी पड़ रही है देव दीपावली के पावन दिन पूजा पाठ के बाद अगर श्री नारायण स्तोत्र का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है और दुख परेशानियां दूर हो जाती हैं।
नारायण स्तोत्र पाठ—
नारायण नारायण जय गोविन्द हरे ॥
नारायण नारायण जय गोपाल हरे ॥
करुणापारावार वरुणालयगम्भीर नारायण ॥ 1 ॥
घननीरदसङ्काश कृतकलिकल्मषनाशन नारायण ॥ 2 ॥
यमुनातीरविहार धृतकौस्तुभमणिहार नारायण ॥ 3 ॥
पीताम्बरपरिधान सुरकल्याणनिधान नारायण ॥ 4 ॥
मञ्जुलगुञ्जाभूष मायामानुषवेष नारायण ॥ 5 ॥
राधाधरमधुरसिक रजनीकरकुलतिलक नारायण ॥ 6 ॥
मुरलीगानविनोद वेदस्तुतभूपाद नारायण ॥ 7 ॥
बर्हिनिबर्हापीड नटनाटकफणिक्रीड नारायण ॥ 8 ॥
वारिजभूषाभरण राजीवरुक्मिणीरमण नारायण ॥ 9 ॥
जलरुहदलनिभनेत्र जगदारम्भकसूत्र नारायण ॥ 10 ॥
पातकरजनीसंहार करुणालय मामुद्धर नारायण ॥ 11 ॥
अघ बकहयकंसारे केशव कृष्ण मुरारे नारायण ॥ 12 ॥
हाटकनिभपीताम्बर अभयं कुरु मे मावर नारायण ॥ 13 ॥
दशरथराजकुमार दानवमदसंहार नारायण ॥ 14 ॥
गोवर्धनगिरि रमण गोपीमानसहरण नारायण ॥ 15 ॥
सरयुतीरविहार सज्जन​ऋषिमन्दार नारायण ॥ 16 ॥
विश्वामित्रमखत्र विविधवरानुचरित्र नारायण ॥ 17 ॥
ध्वजवज्राङ्कुशपाद धरणीसुतसहमोद नारायण ॥ 18 ॥
जनकसुताप्रतिपाल जय जय संस्मृतिलील नारायण ॥ 19 ॥
दशरथवाग्धृतिभार दण्डक वनसञ्चार नारायण ॥ 20 ॥
मुष्टिकचाणूरसंहार मुनिमानसविहार नारायण ॥ 21 ॥
वालिविनिग्रहशौर्य वरसुग्रीवहितार्य नारायण ॥ 22 ॥
मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर नारायण ॥ 23 ॥
जलनिधि बन्धन धीर रावणकण्ठविदार नारायण ॥ 24 ॥
ताटकमर्दन राम नटगुणविविध सुराम नारायण ॥ 25 ॥
गौतमपत्नीपूजन करुणाघनावलोकन नारायण ॥ 26 ॥
सम्भ्रमसीताहार साकेतपुरविहार नारायण ॥ 27 ॥
अचलोद्धृतचञ्चत्कर भक्तानुग्रहतत्पर नारायण ॥ 28 ॥
नैगमगानविनोद रक्षित सुप्रह्लाद नारायण ॥ 29 ॥
भारत यतवरशङ्कर नामामृतमखिलान्तर नारायण ॥ 30 ॥
इति श्री नारायण स्तोत्र ||
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