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कुंडली में मंगल दोष है तो शादी में बाधाएं आती हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ज्योतिष में कुछ ग्रहों के बारे में बताया गया है जो विवाह में देरी का कारण बनते हैं। इन्हीं ग्रहों में से एक मंगल ग्रह भी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष है तो शादी में बाधाएं आती हैं।
Mangal Kavach Benefits: जिस तरह से हर कार्य का एक समय होता है, उसी प्रकार से विवाह के लिए भी एक आयु सीमा सही मानी गई है। जब विवाह योग्य हो जाने के बाद भी बार-बार विवाह में अड़चन बनी रहे या फिर विवाह में विलंब हो रहा हो तो व्यक्ति का परेशान होना स्वाभाविक होता है। ज्योतिष में कुछ ग्रहों के बारे में बताया गया है जो विवाह में देरी का कारण बनते हैं। इन्हीं ग्रहों में से एक मंगल ग्रह भी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष है तो शादी में बाधाएं आती हैं। ऐसे में अगर आपकी कुंडली में भी मांगलिक दोष बन रहा है तो मंगलवार के दिन मंगल कवच का पाठ करें। मान्यता है कि इससे व्यक्ति की कुंडली में जल्द ही विवाह के योग बनते हैं। मंगल ग्रह कवच लिरिक्स इस प्रकार है - मंगल ग्रह कवच
अथ मंगल कवचम्
अस्य श्री मंगलकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः ।
अनुष्टुप् छन्दः । अङ्गारको देवता ।
भौम पीडापरिहारार्थं जपे विनियोगः।
रक्तांबरो रक्तवपुः किरीटी चतुर्भुजो मेषगमो गदाभृत् ।
धरासुतः शक्तिधरश्च शूली सदा ममस्याद्वरदः प्रशांतः ॥ १ ॥
अंगारकः शिरो रक्षेन्मुखं वै धरणीसुतः
श्रवौ रक्तांबरः पातु नेत्रे मे रक्तलोचनः ॥ २ ॥
नासां शक्तिधरः पातु मुखं मे रक्तलोचनः ।
भुजौ मे रक्तमाली च हस्तौ शक्तिधरस्तथा ॥ ३ ॥
वक्षः पातु वरांगश्च हृदयं पातु लोहितः।
कटिं मे ग्रहराजश्च मुखं चैव धरासुतः ॥ ४ ॥
जानुजंघे कुजः पातु पादौ भक्तप्रियः सदा ।
सर्वण्यन्यानि चांगानि रक्षेन्मे मेषवाहनः ॥ ५ ॥
या इदं कवचं दिव्यं सर्वशत्रु निवारणम् ।
भूतप्रेतपिशाचानां नाशनं सर्व सिद्धिदम् ॥ ६ ॥
सर्वरोगहरं चैव सर्वसंपत्प्रदं शुभम् ।
भुक्तिमुक्तिप्रदं नृणां सर्वसौभाग्यवर्धनम् ॥
रोगबंधविमोक्षं च सत्यमेतन्न संशयः ॥ ७ ॥
॥ इति श्रीमार्कण्डेयपुराणे मंगलकवचं संपूर्णं ॥
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