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इस दिन मनाई जाएगी दत्तात्रेय जयन्ती, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को दत्तात्रेय जयन्ती (Dattatreya Jayanti 2020) मनाई जाती है. दत्तात्रेय जयन्ती भगवान दत्तात्रेय के जन्मदिवस के रूप में मनायी जाती है. भगवान दत्तात्रेय एक समधर्मी देवता है और उन्हें त्रिमूर्ति अथार्त ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश का अवतार माना जाता है. इस साल दत्तात्रेय जयन्ती 29 दिसंबर यानी कल मनाई जाएगी. दत्तात्रेय जयन्ती के दिन मंदिरों में पूजा- अर्चना की जाती है. आइए जानते हैं इस दिन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि-
दत्तात्रेय जयन्ती 2020 मुहूर्त (Dattatreya Jayanti 2020 Muhurat)
दत्तात्रेय जयन्ती मंगलवार, दिसम्बर 29, 2020 को
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – दिसम्बर 29, 2020 को 07:54 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – दिसम्बर 30, 2020 को 08:57 बजे
दत्तात्रेय जयन्ती कथा (Dattatreya Jayanti 2020 Katha)
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, महर्षि अत्रि मुनि की पत्नी अनसूया की महिमा जब तीनों लोक में होने लगी तो माता अनसूया के पतिव्रत धर्म की परीक्षा लेने के लिए माता पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के अनुरोध पर तीनों देव ब्रह्मा, विष्णु, महेश पृथ्वी लोक पहुंचे. तीनों देव साधु भेष रखकर अत्रिमुनि आश्रम में पहुंचे और माता अनसूया के सम्मुख भोजन की इच्छा प्रकट की. तीनों देवताओं ने माता के सामने यह शर्त रखी कि वह उन्हें निर्वस्त्र होकर भोजन कराए. इस पर माता संशय में पड़ गई. उन्होंने ध्यान लगाकर जब अपने पति अत्रिमुनि का स्मरण किया तो सामने खड़े साधुओं के रूप में उन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश खड़े दिखाई दिए. माता अनसूया ने अत्रिमुनि के कमंडल से निकाला जल जब तीनों साधुओं पर छिड़का तो वे छह माह के शिशु बन गए. तब माता ने शर्त के मुताबिक उन्हें भोजन कराया. वहीं, पति के वियोग में तीनों देवियां दुखी हो गईं. तब नारद मुनि ने उन्हें पृथ्वी लोक का वृत्तांत सुनाया. तीनों देवियां पृथ्वी लोक में पहुंचीं और माता अनसूया से क्षमा याचना की. तीनों देवों ने भी अपनी गलती को स्वीकार कर माता की कोख से जन्म लेने का आग्रह किया. इसके बाद तीनों देवों ने दत्तात्रेय के रूप में जन्म लिया. तभी से माता अनसूया को पुत्रदायिनी के रूप में पूजा जाता है.
दत्तात्रेय जयन्ती पूजा विधि (Dattatreya Jayanti 2020 Puja Vidhi)
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.
पूजा करने से पहले चौकी को गंगाजल से साफ करें और उसमें आसन बिछाएं.
चौकी पर भगवान दत्तात्रेय की तस्वीर रखें.
इस तस्वीर पर फूलों की माला चढ़ाएं.
भगवान दत्तात्रेय की पूजा करें.
आरती करने के बाद सभी को प्रसाग बांटें.