धर्म-अध्यात्म

कब से कब तक लगेगा सूर्य ग्रहण? आइये जानते हैं विस्तार से

Shiddhant Shriwas
11 Feb 2022 1:51 PM GMT
कब से कब तक लगेगा सूर्य ग्रहण? आइये जानते हैं विस्तार से
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फाइल फोटो 

इस दौरान सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंच पाती हैं.

जनता से रिस्ता वेबडेस्क: साल में कई बार सूर्य और चंद्र ग्रहण की घटना होती है. सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) और चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है. साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण अप्रैल महीने में लगने वाला है. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है. सूर्य ग्रहण में चंद्रमा (Moon) जब सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है तो इस दौरान सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंच पाती हैं.

ऐसी मान्यता है कि जब भी सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) लगता है तो इसका प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ता है, लेकिन साल का पहला सूर्य ग्रहण आंशिक है. आइए जानते हैं कि इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव कहां-कहां रहेगा, किस राशि पर लगेगा और कितने समय के लिए रहेगा यह सूर्य ग्रहण.
कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण 2022?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 30 अप्रैल 2022 को पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है. वृषभ राशि में लगने वाले इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव आंशिक रहेगा. यह सूर्य ग्रहण दक्षिण और वेस्ट साउथ अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिका और अंटार्कटिका महासागर जैसे क्षेत्र में दिखाई देगा. पहला सूर्यग्रहण आंशिक होने के चलते भारत पर इसका प्रभाव नहीं रहेगा. इसी कारण सूतक के नियमों का पालन नहीं करना होगा, क्योंकि जब पूर्ण ग्रहण लगता है तो सूतक के नियमों का पालन किया जाता है.

कब से कब तक लगेगा सूर्य ग्रहण? आइये जानते हैं विस्तार से

भारतीय समय के अनुसार 30 अप्रैल 2022 शनिवार को लगने वाला पहला सूर्य ग्रहण रात 12:15 से प्रारंभ होकर सुबह 4:07 पर समाप्त होगा.
कैसे होती है सूतक की स्थिति निर्मित?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब ग्रहण आंशिक होता है, उस दौरान सूतक काल (Sutak Kaal) के नियमों का पालन करना अनिवार्य नहीं होता है, परंतु अगर ग्रहण पूर्ण लगा हो तो सूतक प्रभावी माना जाता है. इसमें कई नियम होते हैं जिनका पालन किया जाना अनिवार्य होता है.
कब लगेगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण?
25 अक्टूबर मंगलवार को साल 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा. इसका समय शांम 4:29:10 से शुरू होकर 5:42:01 पर समाप्त होगा. ये ग्रहण अफ्रीका महाद्वीप के उत्तरपूर्वी भाग, यूरोप, एशिया के दक्षिण-पश्चिमी भाग और अटलांटिक में देखा जा सकेगा. साथ ही इस सूर्य ग्रहण को भारत के कुछ जगहों पर देखा जा सकेगा. इसलिए भारत में इस सूर्य ग्रहण का धार्मिक प्रभाव और सूतक मान्य होगा.
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