तालिबान ने महिलाओं के लिए एक और फरमान जारी कर दिया है. इसके तहत छात्राओं को कजाकिस्तान और कतर के अलावा कुछ और देशों में हायर स्टडी के लिए देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी संख्या में महिला और पुरुष दोनों छात्र काबुल छोड़ने की योजना बना रहे थे, लेकिन तालिबान ने सिर्फ पुरुष छात्रों को ही अफगानिस्तान से बाहर जाने की इजाजत दी थी. तालिबान ने हाल के दिनों में महिलाओं को लेकर कई कड़े कानून लागू किए हैं.
सितंबर 2021 में फिर से सत्ता में आया था तालिबान
अमेरिकी सैनिकों की वापसी और अमेरिका समर्थित सरकार के पतन के बाद, तालिबान के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन सितंबर 2021 में हुआ. सत्ता में आने के बाद से ही तालिबान ने अफगान महिलाओं को उनके घरों से बाहर काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया था. लड़कियों को छठी कक्षा के बाद शिक्षा प्राप्त करने पर भी रोक लगा दी थी. इसके अलावा, तालिबान ने सभी महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपना चेहरा ढंकने का आदेश दिया था. वहां महिलाओं को मनोरंजन गतिविधियों में भाग लेने और पुरुषों के साथ पार्कों में जाने की भी अनुमति नहीं है.
झूठा निकला समावेशी और समानता का वादा
सत्ता में आने के कुछ महीने बाद ही तालिबान ने आदेश दिया था कि महिलाएं अकेली यात्रा भी नहीं कर सकतीं. उनके साथ परिवार से किसी पुरुष का होना जरूरी है. महिलाओं के काम करने पर रोक है. महिलाएं स्मार्टफोन भी यूज नहीं कर सकती हैं. पिछले दिनों जब महिलाएं अपने हक के लिए प्रदर्शन कर रहीं थीं तो उन पर हमला किया गया था. कई अंतरराष्ट्रीय संगठन लगातार तालिबान से महिलाओं को समान अधिकार देने की मांग कर रहे हैं. बता दें कि तालिबान ने सत्ता में वापसी के बाद बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक समावेशी समाज और समानता का वादा किया था. हालांकि अभी वहां ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है.