धर्म-अध्यात्म

जानिए धनतेरस के दिन कुबेर कुंजी की स्थापना से होने वाले दोगुना फायदा

Nilmani Pal
13 Nov 2020 11:54 AM GMT
जानिए धनतेरस के दिन कुबेर कुंजी की स्थापना से होने वाले दोगुना फायदा
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कुबेर कुंजी एक प्रकार का यंत्र है जो विशेष तौर पर आर्थिक संपन्नता के लिए स्थापित किया जाता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस बात धनतेरस का पर्व 12 और 13 नवंबर को मनाया जा रहा है. क्योंकि त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर की शाम से ही शुरु हो चूकी है. और 13 नवंबर की दोपहर तक रहेगी. इस पर्व के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन कुबेर कुंजी की स्थापना से भी काफी फायदा होता है.


कुबेर कुंजी एक प्रकार का यंत्र है जो विशेष तौर पर आर्थिक संपन्नता के लिए स्थापित किया जाता है. अगर व्यापार में हानि हो, घर में बरकत ना होती है या बार बार आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है तो इस दीवाली आप अपने घर कुबेर कुंजी की स्थापना कर सकते हैं.


कुबेर देव का मिलता है आशीर्वाद

कुबेर कुंजी की स्थापना से कुबेर देवता का आशीर्वाद मिलता है. जिस तरह मां लक्ष्मी धन व ऐश्वर्य की देवी हैं ठीक उसी तरह उस धन की रक्षा का जिम्मा कुबेर के पास है. यानि लक्ष्मी के खजाने की रक्षा कुबेर ही करते हैं. इसीलिए दीवाली पर लक्ष्मी पूजा के साथ साथ कुबेर पूजा का भी महत्व है. वहीं धनतेरस के दिन कुबेर कुंजी की स्थापना कर ली जाए तो फिर आर्थिक संपन्नता के सभी मार्ग खुल जाते हैं.


कैसे करें कुबेर कुंजी की स्थापना

धनतेरस के दिन इस यंत्र की स्थापना की जाती है. जिसे बहुत ही शुभ माना गया है. लेकिन यह स्थापना शुभ मुहूर्त में हो इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए. सबसे पहले पंचामृत से इसे स्नान कराना चाहिए, फिर विधि विधान से शुभ मुहूर्त में कुबेर पूंजी की पूजा करें, हल्दी व सिंदूर चढ़ाएं और मां लक्ष्मी की उपासना कर उनसे समृद्धि का आशीर्वाद मांगे. अंत में दक्षिण की तरफ मुंह करके 'ऊं कुबेराय नम:' मंत्र का जाप करें.


जब पूजा संपन्न हो जाए तो उस कुबेर कुंजी को अपने पर्स व तिजोरी में रख देना चाहिए. कहते हैं इस दिन इस यंत्र की स्थापना से भगवान कुबेर ने ना केवल प्रसन्न होते हैं बल्कि अपना आशीर्वाद भी सदैव बनाए रखते हैं. ऐसे व्यक्ति को ना कभी धन की कमी होती है और ना ही आर्थिक नुकसान का ही सामना करना पड़ता है.


दीवाली के दिन भी की जा सकती है स्थापना

वहीं अगर किसी भी कारण वश इसकी स्थापना धनतेरस के दिन ना हो सके तो दीवाली पर भी कुबेर कुंजी का स्थापना की जा सकती है. विधि वही रहेगी. लेकिन संभव हो तो इसकी स्थापना से पहले ज्योतिष या किसी पंडित से परामर्श करना उचित होता है.

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