धर्म-अध्यात्म

मांगलिक दोष का प्रभाव को कम करता है मूंगा

Subhi
20 March 2022 3:22 AM GMT
मांगलिक दोष का प्रभाव को कम करता है मूंगा
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ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का काफी महत्व हैं। कुंडली में ग्रहों की स्थिति सही करने के लिए ग्रहों के अनुसार रत्न पहनने की सलाह ज्योतिष देते हैं। इन्हीं रत्नों में से एक है मूंगा रत्न।

ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का काफी महत्व हैं। कुंडली में ग्रहों की स्थिति सही करने के लिए ग्रहों के अनुसार रत्न पहनने की सलाह ज्योतिष देते हैं। इन्हीं रत्नों में से एक है मूंगा रत्न। यह रत्न मंगल ग्रह से संबंधित है। कहा जाता है कि कुंडली में मंगल की स्थिति सही करने के लिए मूंगा रत्न धारण करना चाहिए। इससे बनते हुए काम भी बनने लगते हैं। मूंगा रत्न धारण करने से शारीरिक और मानसिक समस्याओं से निजात मिलती है। इतना ही नहीं अगर कोई व्यक्ति ज्योतिष से पूछकर सही रत्ती का मूंगा पहन लें तो उसे धनवान बनने में मदद करता है। जानिए किन लोगों के लिए मूंगा रत्न है फायदेमंद।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति की राशि में मेष, वृश्चिक हो या फिर धनु और मीन राशि लग्न में हो तो मूंगा रत्न धारण करना शुभ होगा।

मंगल ग्रह की राशि मेष और वृश्चिक राशि के जातकों को ज्योतिष की सलाह से मूंगा रत्न धारण कर सकते हैं।

कुंडली में अगर मंगल अशुभ या नीच स्थान में हैं तो मूंगा रत्न धारण करना शुभ साबित हो सकता है।

अगर आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी है तो मूंगा रत्न धारण करना चाहिए। इससे आपके अंदर की हिचकिचाने, जरने आदि की प्रवृत्ति खत्म हो जाएगी।

अधिक आलस्य करने वाले लोगों के लिए भी मूंगा रत्न पहनना लाभकारी होगा।

मूंगा रत्न महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद है। इसे धारण करने से खून संबंधी रोगों से छुटकारा मिलता है।

सिंह राशि के जातकों को मूंगा पहनना फायदेमंद हो सकता है। मूंगा पहनने से आपका भाग्य चमक जाएगा। क्योंकि मंगल सुख देने वाला ग्रह माना जाता है।

अगर कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति कमजोर है तो मूंगा पहनना अच्छा माना जाता है। इससे रोगों से मुक्ति मिलने के साथ दिमाग तेजी से काम करेगा।

मूंगा रत्न को चांदी या सोने की अंगूठी में पहनने का प्रावधान है। अंगूठी में सवा चार से सवा आठ रत्ती तक का मूंगा पहन सकते हैं। मूंगा की अंगूठी बनवाने के बाद सोमवार के दिन इसे गंगाजल और कच्चे दूध में डालकर रख दें। मंगलवार की सुबह इस निकालकर गंगाजल से धोकर पोंछ लें और अनामिका अंगुली में धारण कर लें।


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