धर्म-अध्यात्म

नवरात्रि पर जानिए मां दुर्गा के नौ रूपों और उनके वाहनों के बारे में...

Subhi
14 April 2021 4:03 AM GMT
नवरात्रि पर जानिए मां दुर्गा के नौ रूपों और उनके वाहनों के बारे में...
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चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुकी है. अब अगले नौ दिन माता रानी के नौ रूपों की पूजा होती है

चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुकी है. अब अगले नौ दिन माता रानी के नौ रूपों की पूजा होती है. देवी मां के भक्तों को इन नौ दिनों का खास इंतजार होता है. भक्त माता रानी को प्रसन्न करने के लिए नौ रूपों के पसंदीदा कलर और भोग लगाते हैं. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है, उसी तरह उनकी सवारी की अलग-अलग होती है. आइए जानते हैं मां दुर्गा के नौ स्वरूपों और उनके वाहनों के बारे में.

शैलपुत्री

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा- अर्चना की जाती है. माता ने अपने दाएं हाथ में त्रिशुल और दाएं हाथ में कमल का फूल लिया है. माता शैलपुत्री बैल की सवारी करती हैं.
मां ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. ब्रह्मचारिणी की अर्थ है तप का आचरण करने वाली. मां ब्रह्मचारिणी के दाएं हाथ में जप की माला और दाएं हाथ में कमंडल धारण किए हैं. मां ब्रह्मचारिणी किसी भी वाहन के साथ दर्शन नहीं देती हैं.

मां चंद्राघंटा
नवरात्रि का तीसरा दिन चंद्रघंटा माता को समर्पित होता है. मां चंद्रघंटा के दस हाथ हैं और हर हाथ में खड्ग, धनुष समेत अन्य शस्त्र हैं. माता रानी इस रूप में सिंह पर सवार होकर आती है.
मां कूष्मांडा
देवी दुर्गा के स्वरूप माता कूष्मांडा की चौथे दिन पूजा की जाती है. कूष्मांडा माता की आठ भुजाएं हैं. इन्हें अष्टभुजाओं वाली भी कहा जाता है. इनके हाथों में धनुष, बाण, चक्र, गदा, अमृत पूर्ण कलश होता है. कूष्मांडा देवी का वाहन भी सिंह है.

मां स्कंदमाता
नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है. इस देवी की चार भुजाएं होती हैं. माता ने दाहिने हाथ से स्कंद को गोद में पकड़ा हुआ है, नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प, बायं तरफ के हाथ में वर मुद्रा और ऊपर वाले हाथ में कमल का पुष्प है. स्कंदमाता सिंह पर सवार होती है.
मां कात्यायनी
नवरात्रि के छठवे दिन मां कात्यायनी की पूजा- अर्चना की जाती है. मां कात्यायनी की चार भुजाएं हैं. उनका ऊपर वाला दाया हाथ अभय मुद्रा में और नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है. जबकि उनका बाये हाथ में कमल का फूल है और नीचे वाले हाथ में तलवार है. मां कात्यायनी भी सिंह की सवारी करती है.
मां कालरात्रि
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना की जाती है. मां कालरात्रि के बिखरे हुए बास , गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला होती है. इस देवी के तीन नेत्र होते हैं. मां कालरात्रि का वाहन गधा है.
मां महागौरी
नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा को महागौरी के नाम से पूजा जाता है. मां महागौरी की चार भुजाएं हैं. उनका ऊपर वाला दाहिना हाथ अभय मुद्रा और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है. जबकि ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू रखा है और नीचे वाले हाथ को वर मुद्रा में रखा है. मां महागौरी का वाहन बैल है.
मां सिद्धिदात्री
नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता है. मां सिद्धिदात्री की चार भुजाएं होती हैं. इनकी सवारी सिंह है. वो सभी प्रकार की सिद्धियां देने वाली है.


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