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धर्म-अध्यात्म
पढ़ाई में नहीं लग रहा है बच्चों का मन, माता-पिता करें ये आसान उपाय
Triveni
18 Dec 2022 8:55 AM GMT
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फाइल फोटो
वास्तु शास्त्र में कई समस्याओं के आसान समाधान बताए गए हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वास्तु शास्त्र में कई समस्याओं के आसान समाधान बताए गए हैं। जिनका पालन करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है। इसमें न केवल घर अथवा भाग्य से जुड़े उपाय वर्णित हैं, बल्कि बच्चों की पढ़ाई के लिए भी उपयोगी और सरल उपाय बताए गए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सभी माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए चिंतित रहते हैं और ऐसा देखा भी गया है कि बच्चों को कड़ी मेहनत के बावजूद भी अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं होता है। या उनका मन पढ़ाई से भटक जाता है। ऐसे में वास्तु में बताए गए कुछ आसान उपायों को अपनाने से व्यक्ति को लाभ मिल सकता है। इसलिए माता-पिता नए साल 2023 से पहले वास्तु से जुड़े ये काम जरूर करें।
वास्तु के अनुसार करें ये बदलाव
वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों की पढ़ाई और उत्तम नतीजों के लिए पढ़ने के स्थान पर दिशा का ध्यान अवश्य रखें। पढ़ाई के लिए पूर्व और उत्तर दिशा को सबसे उत्तम माना जाता है। इसलिए इसी दिशा में पढ़ने का टेबल और कुर्सी लगाएं। साथ ही पढ़ने वाला कमरा सीढ़ी के नीचे ना हो, इस बात का भी ध्यान रखें।
पढ़ाई में रूचि पुनः जागृत करने के ली पढ़ाई के टेबल पर स्फटिक, माता सरस्वती की तस्वीर जरूर रखें। साथ ही इस बात का भो ध्यान रखें कि पढ़ने वाली जगह पर अधिक किताबें न रखीं हों। किताबों को सही तरीके से अलग अलमारी अथवा दराज में रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादा किताबों को रखने से बच्चों को बोझ महसूस होता है और उन्हें पढ़ाई में मन नहीं लगता है।
पढ़ाई के कमरे को सजाते हुए दीवारों के रंग का भी ध्यान रखें। ऐसा करने से बच्चों में रचनात्मकता में वृद्धि होती है और पढ़ाई में ध्यान एकाग्र होता है। इसलिए कमरे का रंग चमकीले रंग रखें। काले या गाढ़ें रंग का इस्तेमाल करने से बचें। ऐसा करने से बच्चों में तनाव बढ़ सकता है।
पढ़ाई के कमरे में इस बात का ध्यान रखें कि दीवारों पर डरावनी या हिंसात्मक तस्वीरें न लगाएं। इससे न केवल बच्चों की पढ़ाई में विघ्न उत्पन्न होता है, बल्कि घर में तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है। इसलिए पढ़ाई के कमरे में रंग-बिरंगे चित्र या उच्च-विचारों से भरे तस्वीर का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से बच्चों में पढ़ाई के लिए रुचि पैदा होती है।
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