धर्म-अध्यात्म

Chhath Puja : व्रत में पुरुष रखने महत्व और धार्मिक आस्था

Tara Tandi
6 Nov 2024 10:52 AM GMT
Chhath Puja : व्रत में  पुरुष रखने महत्व और धार्मिक आस्था
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Chhath Puja ज्योतिष न्यूज़ : भगवना सूर्य और छठी मैया को समर्पित छठ पूजा को हिंदूओं का प्रमुख त्योहार माना जाता है, जो मुख्य तौर पर बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, नेपाल और झारखंड आदि के क्षेत्रों में मनाया जाता है। ये त्योहार चार दिनों तक मनाया जाता है, जिसके हर एक दिन का अपना महत्व है। छठ पूजा का आरंभ नहाय-खाय के साथ होता है, जिसके बाद खरना, संध्या अर्घ्य और अंत में उषा अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। हालांकि ये व्रत काफी कठिन होता है, क्योंकि इस उपवास के दौरान व्रती को 36 घंटे तक बिना भोजन ग्रहण किए रहना होता है।आमतौर पर छठ का व्रत महिलाएं अपने बच्चों की लंबी आयु, खुशहाल जीवन और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि छठ की पूजा क्या केवल महिलाओं को ही करनी चाहिए? क्या पुरुष छठ की पूजा नहीं कर सकते हैं? चलिए जानते हैं इन्हीं सभी सवालों के
जवाब के बारे में।
छठ पूजा की सही तिथियां
5 नवंबर 2024- नहाय-खाय
6 नवंबर 2024- खरना
7 नवंबर 2024- संध्या सूर्य अर्घ्य
क्या पुरुष भी कर सकते हैं छठ पूजा?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, छठ पूजा में 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखना होता है, जिसके कारण ये व्रत काफी कठिन हो जाता है। ये व्रत संतान प्राप्ति और बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखा जाता है। माता बच्चों को जन्म देती है। केवल इसी वजह से छठ महापर्व मे महिलाओं की भागीदारी ज्यादा होती है। लेकिन किसी शास्त्र या ग्रंथ में ये उल्लेख नहीं है कि पुरुष छठ का व्रत नहीं कर सकते हैं। ये निर्जला उपवास पुरुष भी रख सकते हैं।
क्या कुंवारी कन्याएं भी कर सकती हैं छठ पूजा?
पुरुषों के अलावा कुंवारी कन्याएं भी छठ का व्रत कर सकती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि कुंवारी कन्याएं छठ की पूजा करती हैं, तो उन्हें छठी मैया और सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। देवी-देवताओं के आशीर्वाद से उन्हें योग्य वर मिलता है। साथ ही जीवन में सुख, समृद्धि, खुशलाही और धन का वास रहता है।
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