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Chhath Puja 2024 Kharna: छठ पूजा का दूसरा दिन खरना आज, जानिए इसके नियम

Bharti Sahu 2
6 Nov 2024 3:50 AM GMT
Chhath Puja 2024 Kharna: छठ पूजा का दूसरा दिन खरना आज, जानिए इसके नियम
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Chhath Puja 2024 Kharna: इस बार 05 नवंबर 2024 से छठ की शुरूआत हो चुकी है, जो 08 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान महिलाएं संतान की तरक्की और लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, जो लगभग 36 घंटे तक चलता है।
पंचांग के अनुसार छठ पूजा का आरंभ कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय के साथ होता है। दूसरे दिन खरना की रस्म की जाती है। तीसरे दिन यानी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। छठ के चौथे दिन यानी सप्तमी तिथि पर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है। आज यानी 6 नवंबर बुधवार के दिन खरना है। इस दिन घरों में छठ का विशेष प्रसाद बनाया जाता है। ऐसे में आइए इस दिन के महत्व को जानते हैं।
छठ पूजा के दूसरे दिन का महत्व
छठी मैया का समर्पित छठ पूजा का पर्व चार दिनों चक चलता है। पहले दिन से लेकर चौथे दिन तक माता की विधि अनुसार पूजा की जाती हैं। छठ का दूसरा दिन और भी खास माना जाता है। इस दिन महिलाएं छठ का प्रसाद बनाने का कार्य करती हैं। इस दिन घरों में खीर, ठेकुआ आदि का प्रसाद बनाया जाता है, जो देवताओं को अर्पित करने के बाद ही ग्रहण किया जाता ।
खरना के नियम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरना के दिन की साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए।
इस दौरान छठ के लिए बनाए जाने वाले प्रसाद को हमेशा साफ बर्तनों व सामग्रियों के साथ बनाना चाहिए।
प्रसाद बनाते समय उसे चखने की भूल न करें।
छठ पर्व के दिनों में घर में प्याज और लहसुन का सेवन न करें। घर में भी इसका उपयोग न होने दें।
इस दौरान व्रती महिलाओं को पलंग या चारपाई पर नहीं सोना चाहिए। आप जमीन पर बिस्तर बिछाकर सोएं।
खरना के दिन क्या होता है
खरना के दिन छठ महापर्व का व्रत करने वाले लोग पूरे दिन उपवास पर रहते हैं और शाम को स्नान कर विधिवत छठी मैया की पूजा करती हैं. खरना की पूजा के बाद बखीर और गेहूं के आटे से बनी रोटी खाकर व्रत तोड़ते हैं. इसे भी महाप्रसाद में शामिल किया गया है. इसे व्रत करने वाले व्यक्ति के खाने के बाद घर-परिवार के बाकी सदस्य खात तौर पर घर के बच्चों को खिलाया जाता है. क्योंकि मान्यता है कि ये व्रत संतान के लिए किया जाता है|
कब बनता है छठ का प्रसाद
छठ पूजा का प्रसाद खरना के दिन नहीं बनता है. इसकी तैयारी भले ही पहले से कर ली जाए लेकिन छठ के पकवान और ठेकुआ आदी पहले अर्घ्य के दिन सुबह के समय में तैयार किया जाता है. इसे पकाने या बनाने की जिम्मेदारी भी व्रत करने वाले व्यक्ति या महिला पर होता है. यानी छठ महापर्व के लिए प्रसाद व्रत करने वाला व्यक्ति ही बनाता है. प्रसाद को बनाने में जरूर घर परिवार के लोग सहयोग करते हैं.
प्रसाद बनाने के लिए अनाज को पहले से ही साफ करके उसे धोकर सुखा लिया जाता है. इसके बाद उसे पिसवाकर इस्तेमाल में लाया जाता है. पूजा के लिए मिट्टी के नए चूल्हे में पीतल के बर्तन में प्रसाद बनाया जाता है. साथ ही पूजा में चढ़ाए जाने वाली हर वस्तु अखंडित होनी चाहिए, चाहे वह फूल हो या फल. पूरा पर्व पवित्रता से जुड़ा हुआ है, ऐसे में साफ-सफाई का पूरे पर्व के दौरान खास तौर पर ख्याल रखा जाता है|
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