धर्म-अध्यात्म

छठ पूजा 2021आज, शाम को दिया जाएगा डूबते सूर्यदेव को अर्घ्य, पूजा विधि से लेकर सामग्री तक, जाने सब कुछ

Renuka Sahu
10 Nov 2021 1:12 AM GMT
छठ पूजा 2021आज, शाम को दिया जाएगा डूबते सूर्यदेव को अर्घ्य, पूजा विधि से लेकर सामग्री तक, जाने सब कुछ
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फाइल फोटो 

छठ महापर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह तिथि आज यानी 10 नवंबर, बुधवार को पड़ रही है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। छठ महापर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह तिथि आज यानी 10 नवंबर, बुधवार को पड़ रही है। छठ महापर्व को मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। इस त्योहार में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं और छठी मइया और सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है। मान्यता है कि छठ पूजा करने से छठी मइया भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करती है।

छठ पूजा में कार्तिक षष्ठी के दिन संध्या अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन शाम को सूर्य देव को अर्घ्य देकर उनका पूजन किया जाता है। इस दौरान प्रसाद और फल टोकरी और सूप में रखे जाते हैं। सभी व्रती ढलते सूरज को अर्घ्य देते हैं। छठी मैया को ठेकुआ, मालपुआ, खीर-पूड़ी, खजूर, सूजी का हलवा, चावल का बना लड्डू, जिसे लडुआ भी कहते हैं आदि प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। छठी मैया की कथा सुनते हैं । छठी तिथि को शाम को अर्घ्य के बाद रात को सूर्य देवता का ध्यान और छठी मैया के गीत गाए जाते हैं। इसके बाद सुबह सप्तमी के दिन सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में सभी घाट पर पहंचते हैं। सप्तमी तिथि को सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसके बाद व्रत का पारण करते हुए व्रत खोला जाता है।
छठ पूजा सामग्री की सूची -
प्रसाद रखने के लिए बांस की दो तीन बड़ी टोकरी। दरअसल छठ की पूजा में बांस की टोकरी का खास महत्व है। इसमें पूजा का सामान रखकर घर से घाट तक लेकर जाया जाता है। छठ पूजा में व्रती नई साड़ी, वस्त्र ही पहनते हैं। पूजा में केले का गुच्छा भी रखना चाहिए। इसे खासतौर पर छठी मैया को अर्पित किया जाता है। केले के अलावा पूजा में पत्ते वाला गन्ने का इस्तेमाल किया जाता है। इससे सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके अलावा बांस या पीतल के बने 3 सूप, लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास। सूर्य को अर्घ्य देते वक्त प्रसाद को सूप में रखकर दीपक जलाया जाता है। नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा, चावल, लाल सिंदूर, धूप और बड़ा दीपक, पानी वाला नारियल, गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो, सुथनी और शकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा हरा हो तो अच्छा, नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू, जिसे टाब भी कहते हैं, शहद की डिब्बी, पान और साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन, मिठाई।
छठ पूजा 2021 का शुभ मुहूर्त-
बुधवार 10 नवंबर को सूर्यास्त: 05:30 बजे होगा। वहीं, गुरुवार 11 नवंबर को सूर्योदय सुबह 5:29 बजे होगा। व्रती महिलाएं सूर्यदेव को दूसरा अर्घ्य इससे पहले दे सकती हैं।


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