- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- कृष्ण पक्ष की चतुर्थी...
धर्म-अध्यात्म
कृष्ण पक्ष की चतुर्थी कृष्ण और भगवन गणेश दोनों को समर्पित, संतान प्राप्ति के लिए इस विधि से करें पूजा
Rounak Dey
11 Aug 2022 5:52 PM GMT
x
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी श्री कृष्ण और गणेश जी दोनों के समर्पित है. इस दिन संकष्टी चतुर्थी के साथ-साथ बहुला चतुर्थी का व्रत भी रखा जाता है. इसे कृष्ण चतुर्थी या बहुला चौथ के नाम से भी जानते हैं. हिंदू पंचाग के अनुसार इस साल बहुला चतुर्थी व्रत 15 अगस्त के दिन रखा जाएगा. कहते हैं कि ये व्रत भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है. इसलिए इस दिन भगवान श्री कृष्ण और गाय की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन व्रत रखने और श्री कृष्ण की विधिपूर्वक पूजा आदि करने से भक्तों की सभी मुरादें पूर्ण होती हैं. साथ ही, संतान की इच्छा रखने वाले भक्तों की मनोकामनाएं भी जल्द पूरी होती हैं. वहीं, संतान वाली महिलाएं इस दिन अपनी संतान की लंबी उम्र और उत्तम स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन संकष्टी चतुर्थी होने के कारण भगवान श्री कृष्ण के साथ-साथ गणेश जी की पूजा से कई गुना पुण्य की प्राप्ति होती है.
हिंदू पंचाग के अनुसार भाद्रपद कृष्ण चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 14 अगस्त, रविवार को 10 बजकर 35 मिनट पर शुरू होकर 15 अगस्त रात 09 बजकर 01 मिनट तक होगी. उदयातिथि के आधार पर बहुला चतुर्थी का व्रत 15 अगस्त को रखा जाएगा. इस दिन पूजा का शुभ मुहू्र्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से लेकर 12 बजकर 52 मिनट तक है. ये अभिजीत मुहूर्त है. इस मुहूर्त को किसी कार्य के लिए बेहद शुभ माना जाता है.
बता दें कि इस दिन राहु काल 15 अगस्त की सुबह 07 बजकर 29 मिनट से लेकर 09 बजकर 08 मिनट तक रहेगा. शास्त्रों में कहा गया है कि पूजा के लिए राहु काल शुभ नहीं होता. इसलिए इस दिन राहुकाल से पहले या बाद में ही बहुला चतुर्थी की पूजा करें.
Rounak Dey
Next Story