धर्म-अध्यात्म

चरित्रहीन व्‍यक्ति नहीं मिला पाता पत्‍नी से नजर, धन-संपत्ति, सुख सब कर लेता है बर्बाद

Tulsi Rao
30 Dec 2021 5:40 AM GMT
चरित्रहीन व्‍यक्ति नहीं मिला पाता पत्‍नी से नजर, धन-संपत्ति, सुख सब कर लेता है बर्बाद
x
यदि इसमें गड़बड़ी आ जाए तो ना उसका मान-सम्‍मान बचता है और ना उससे जुड़े रिश्‍ते बच पाते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अच्‍छी जिंदगी जीने के लिए व्‍यक्ति में कुछ जरूरी बातें होनी जरूरी हैं, तभी वह सफल और सुखी जीवन पाता है. आचार्य चाणक्य ने इन जरूरी बातों के बारे में बताया है. चाणक्‍य नीति कहती है कि व्‍यक्ति का चरित्र बहुत मायने रखता है यदि इसमें गड़बड़ी आ जाए तो ना उसका मान-सम्‍मान बचता है और ना उससे जुड़े रिश्‍ते बच पाते हैं.

अपनों से नजरें नहीं मिला पाता
चाणक्‍य नीति कहती है कि व्यक्ति के लिए चरित्र उतना ही जरूरी होता है जैसे किसी कारोबारी के लिए उसका पैसा अहम होता है. चरित्र अच्‍छा हो तो व्‍यक्ति सम्‍मान के साथ जीता है और हमेशा आत्‍मसम्‍मान से भरा रहता है. वहीं झूठ बोलने वाले और धोखा देने वाले लोगों की छवि भी खराब होती है और वे अपनों से ही नजरें मिलाने के काबिल नहीं रह जाते हैं. पति यदि विलासी और धोखेबाज हो जाए तो वह अपनी पत्‍नी से ही नजरें चुराने पर मजबूर हो जाता है.
असफलताओं से घिर जाता है व्‍यक्ति
जिस व्‍यक्ति का चरित्र नष्‍ट हो जाता है, उसका आत्‍मविश्‍वास भी खत्‍म हो जाता है. ऐसा व्‍यक्ति कुछ भी करे तो लोग उस पर भरोसा नहीं करते हैं. धीरे-धीरे व्‍यक्ति असफलताओं से घिर जाता है. इस हालत में व्‍यक्ति न केवल खुद का नुकसान करता है बल्कि पूर्वजों की संपत्ति और सम्‍मान भी बर्बाद कर देता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्‍यक्ति को अपने आनंद के लिए भोग-विलास में लिप्‍त नहीं रहना चाहिए. इससे वह अच्‍छे-बुरे की पहचान भी खो देता है. अच्‍छे जीवन के लिए उसे अनुशासन में जीना चाहिए.


Next Story