धर्म-अध्यात्म

तुलसी के इन मंत्रों के जाप सभी समस्याओं से मिलेगा छुटकारा

31 Jan 2024 2:19 AM GMT
तुलसी के इन मंत्रों के जाप सभी समस्याओं से मिलेगा छुटकारा
x

ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में तुलसी को बेहद पवित्र और पूजनीय माना गया है और लोग इसकी विधिवत पूजा करते हैं सुबह जल अर्पित किया जाता है तो वही संध्याकाल में घी का दीपक जलाते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से सकारात्मकता आती है इस धर्म को मानने वाले अधिकतर घरों में तुलसी …

ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में तुलसी को बेहद पवित्र और पूजनीय माना गया है और लोग इसकी विधिवत पूजा करते हैं सुबह जल अर्पित किया जाता है तो वही संध्याकाल में घी का दीपक जलाते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से सकारात्मकता आती है इस धर्म को मानने वाले अधिकतर घरों में तुलसी का पौधा लगा होता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी पर माता लक्ष्मी का वास होता है ऐसे में इसकी पूजा करने से लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की कृपा बरसती है लेकिन इसी के साथ ही अगर तुलसी के चमत्कारी मंत्रों का जाप किया जाए तो जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं, तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।

तुलसी पूजा मंत्र—

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी नामाष्टक मंत्र

वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।

पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।

एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।

य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।

तुलसी जी की स्तुति

मनः प्रसादजननि सुखसौभाग्यदायिनि।

आधिव्याधिहरे देवि तुलसि त्वां नमाम्यहम्॥

यन्मूले सर्वतीर्थानि यन्मध्ये सर्वदेवताः।

यदग्रे सर्व वेदाश्च तुलसि त्वां नमाम्यहम्॥

अमृतां सर्वकल्याणीं शोकसन्तापनाशिनीम्।

आधिव्याधिहरीं नॄणां तुलसि त्वां नम्राम्यहम्॥

देवैस्त्चं निर्मिता पूर्वं अर्चितासि मुनीश्वरैः।

नमो नमस्ते तुलसि पापं हर हरिप्रिये॥

सौभाग्यं सन्ततिं देवि धनं धान्यं च सर्वदा।

आरोग्यं शोकशमनं कुरु मे माधवप्रिये॥

तुलसी पातु मां नित्यं सर्वापद्भयोऽपि सर्वदा।

कीर्तिताऽपि स्मृता वाऽपि पवित्रयति मानवम्॥

या दृष्टा निखिलाघसङ्घशमनी स्पृष्टा वपुःपावनी

रोगाणामभिवन्दिता निरसनी सिक्ताऽन्तकत्रासिनी।

प्रत्यासत्तिविधायिनी भगवतः कृष्णस्य संरोपिता

न्यस्ता तच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलस्यै नमः॥

॥ इति श्री तुलसीस्तुतिः ॥

नोट- खबरों की अपडेट के लिए जनता से रिश्ता पर बने रहे।

    Next Story