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धर्म-अध्यात्म
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत पर करें ये मंत्र का जाप, बनी रहेगी मां अंबे की कृपा
Teja
9 May 2022 12:28 PM GMT

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हिंदू पंचांग के अनुसार 9 मई यानी आज मासिक दुर्गाष्टमी (Masik Durgashatami) है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी का व्रत रखा जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू पंचांग के अनुसार 9 मई यानी आज मासिक दुर्गाष्टमी (Masik Durgashatami) है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस दिन विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन देवी दुर्गा की उपासना करने का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है. मान्यताओं के अनुसार मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए. साफ-सुथरे कपड़े धारण करने चाहिए. मंदिर व पूजा स्थल की साफ-सफाई करनी चाहिए और गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए. भक्त माता रानी को लाल पुष्प, सिंदूर, अक्षत, नारियल, लाल वस्त्र-चुनरी, पान, सुपारी, फल व मिठाई आदि अर्पित करते हैं. इसके बाद दुर्गा चालीसा व मां अंबे की आरती का जाप कर मां भवानी से सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं. इस दिन कुछ मंत्रों का जाप करने से माता प्रसन्न होती हैं. भक्तों के सारे कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि व खुशहाली आती है. पढ़ें, ये मंत्र
माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए महा मंत्र
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
नवार्ण मंत्र

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