धर्म-अध्यात्म

भगवान कृष्ण के इस मंत्र का करें जाप, पल में पूरी होगी इच्छा

Manish Sahu
16 Aug 2023 1:51 PM GMT
भगवान कृष्ण के इस मंत्र का करें जाप, पल में पूरी होगी इच्छा
x
धर्म अध्यात्म: जब भी प्रम की बात आती है सबसे पहले भगवान कृष्ण और राधा रानी का नाम जुबां पर आता है. हर कोई राधा-कृष्ण के प्रेम की मिसाल देते हैं. यदि आप भी प्रम विवाह करना चाहते हैं साथ ही ये भी चाहते हैं कि आपकी हर मनोकामना पूरी हो तो भगवान कृष्ण के 5 मंत्रों का नियमित रूप से जाप कर इसका लाभ उठा सकते हैं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य विनोद सोनी पोद्दार.
ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:।।यह एक ऐसा मंत्र है जो मात्र विवाह से जुड़ा है. जो भी जातक प्रेम विवाह करना चाहते हैं लेकिन किन्हीं कारणों से विवाह तक बात नही पहुंच पा रही हो या प्रेमी पर भरोसा नहीं हो रहा हो तो जातक प्रात: काल स्नान के बाद मानसिक रूप से ध्यानपूर्वक इस मंत्र का 108 बार जाप करें. कुछ ही दिनों में उन्हें चमत्कारी परिणाम प्राप्त होंगे.
ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो।।यह मंत्र उच्चारण में थोड़ा कठिन अवश्य है, लेकिन ये मंत्र उतना ही प्रभावशाली है. ये मंत्र वाणी के लिए वरदान का काम करता है. यहां वाणी से अर्थ उनके लिए नहीं है जो अपनी आवाज खो चुके हों, ये मंत्र उन्हें वाणी प्रदान करता है अर्थात् ऐसी शक्ति जिससे आपकी वाणी की क्षमता मजबूत हो जाती है और जो भी बोलें वह सही सिद्ध हो जाता उसे वाक शक्ति कहते है
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री।।यह 26 अक्षरों वाला भगवान कृष्ण मंत्र है जो जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करने में सहायक सिद्ध होता है. एक मान्यता ये भी है कि जो भी जातक इस श्रीकृष्ण मंत्र का जाप करता है, उसके जीवन में कभी धन की कमी नहीं आती. उसकी धन से संबंधित सभी बाधाएं इस मंत्र के नियमित प्रयोग से दूर हो जाती हैं
ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।।ये भगवान कृष्ण का वह मंत्र है, जिसका जाप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसको समस्त अभीष्ट वांछित वस्तुएं प्राप्त हो जाती हैं
लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा।।भगवान कृष्ण के इस मंत्र का जो भी जातक एक लाख बार जप के साथ घी, शक्कर और शहद में तिल व अक्षत को मिलाकर हवन करे तो उसे स्थिर लक्ष्मी अर्थात स्थायी संपत्ति की प्राप्ति होती है.
Next Story