धर्म-अध्यात्म

गुरुवार के दिन कर लें श्री हरि के इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, मनचाही इच्छा पूर्ति का मिलेगा वरदान

Tulsi Rao
9 March 2022 6:37 PM GMT
गुरुवार के दिन कर लें श्री हरि के इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, मनचाही इच्छा पूर्ति का मिलेगा वरदान
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किसी जातक की कुंडली में गुरु दोष होने पर गुरुवार के दिन श्री हरि नारायण और बृहस्पति देव की पूजा-अर्चना और उपासना का विधान है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बृहस्पति देव और गुरुवार का स्वामी भगवान विष्णु को बताया गया है. गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है. किसी जातक की कुंडली में गुरु दोष होने पर गुरुवार के दिन श्री हरि नारायण और बृहस्पति देव की पूजा-अर्चना और उपासना का विधान है. इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. साथ ही, घर में कभी धन की कमी नहीं रहती. इस दिन अगर भगवान विष्णु की पूजा के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करना भी शुभ होता है.

धार्मिक मान्यता है नियमित रूप से विष्णु भगवान के मंत्रों का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि नियमित रूप से भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और धन वैभव की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में.
भगवान श्रीहरि विष्णु के पवित्र मंत्र
1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
2. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
3. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
4. ॐ विष्णवे नम:
5. ॐ हूं विष्णवे नम:
6. ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
7. लक्ष्मी विनायक मंत्र -
दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
8. धन-वैभव एवं संपन्नता का मंत्र -
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
9. सरल मंत्र -
- ॐ अं वासुदेवाय नम:
- ॐ आं संकर्षणाय नम:
- ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
- ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
- ॐ नारायणाय नम:
10. विष्णु के पंचरूप मंत्र -
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए नियमित रूप से इनमें से किसी भी मंत्र का जाप जीवन के सभी संकट दूर करता है. धन वैभव की प्राप्ति होती है. लेकिन मंत्र जाप करते समय इस बात का ध्यान रखें कि मंत्रों का उच्चारण साफ और शुद्ध होना चाहिए. अन्यथा इसका फल नहीं मिलता.

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