धर्म-अध्यात्म

चंद्र दोष को दूर करने के लिए इन मंत्रों का जाप करे

Subhi
24 Feb 2022 2:50 AM GMT
चंद्र दोष को दूर करने के लिए इन मंत्रों का जाप करे
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सोमवार के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि सोमवार को भगवान शिव और मां आदिशक्ति की पूजा आराधना करने से व्यक्ति की सभी मनोकमनाएं पूर्ण होती हैं।

सोमवार के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि सोमवार को भगवान शिव और मां आदिशक्ति की पूजा आराधना करने से व्यक्ति की सभी मनोकमनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही चंद्रमा भी मजबूत होता है। ज्योतिषों की मानें तो चन्द्रमा मन के कारक हैं। अगर किसी जातक की कुंडली में चन्द्रमा कमजोर है, तो जातक को मानसिक पीड़ा होती है। व्यक्ति का मन सदैव अशांत रहता है और जातक को किसी भी कार्य में मन नहीं लगता है। इसके लिए चंद्र का मजबूत रहना अनिवार्य है। अगर आपकी कुंडली में भी चंद्रमा कमजोर है, तो सोमवार को चंद्रमा कवच समेत इन मंत्रों का जाप जरूर करें।

श्री चंद्र कवच

श्रीचंद्रकवचस्तोत्रमंत्रस्य गौतम ऋषिः । अनुष्टुप् छंदः।

चंद्रो देवता। चन्द्रप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ।

समं चतुर्भुजं वन्दे केयूरमुकुटोज्ज्वलम् ।

वासुदेवस्य नयनं शंकरस्य च भूषणम् ॥ १ ॥

एवं ध्यात्वा जपेन्नित्यं शशिनः कवचं शुभम् ।

शशी पातु शिरोदेशं भालं पातु कलानिधिः ॥ २ ॥

चक्षुषी चन्द्रमाः पातु श्रुती पातु निशापतिः ।

प्राणं क्षपाकरः पातु मुखं कुमुदबांधवः ॥ ३ ॥

पातु कण्ठं च मे सोमः स्कंधौ जैवा तृकस्तथा ।

करौ सुधाकरः पातु वक्षः पातु निशाकरः ॥ ४ ॥

हृदयं पातु मे चंद्रो नाभिं शंकरभूषणः ।

मध्यं पातु सुरश्रेष्ठः कटिं पातु सुधाकरः ॥ ५ ॥

ऊरू तारापतिः पातु मृगांको जानुनी सदा

अब्धिजः पातु मे जंघे पातु पादौ विधुः सदा ॥ ६ ॥

सर्वाण्यन्यानि चांगानि पातु चन्द्रोSखिलं वपुः ।

एतद्धि कवचं दिव्यं भुक्ति मुक्ति प्रदायकम् ॥

यः पठेच्छरुणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत् ॥ ७ ॥

॥ इति श्रीब्रह्मयामले चंद्रकवचं संपूर्णम् ॥

चंद्र मंत्र

ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।

ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।

ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:।

चंद्रमा का बीज मंत्र

ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।।

चंद्रमा का वैदिक मंत्र:

ॐ इमं देवा असपत्न सुवध्वं महते क्षत्राय महते

ज्यैष्ठयाय महते जानराज्यायेनद्रस्येन्द्रियाय।

इमममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश

एष वोमी राजा सोमोस्मांक ब्राह्मणाना राजा।।

शिवजी के मंत्र:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से कृपाचार्य ने मृत्यु को भी जीत लिया है। अतः यह मंत्र बहुत प्रभावकारी है। खासकर दुःख , संकट और घातक बीमारी के समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप बहुत फलकारी होता है।


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