धर्म-अध्यात्म

पूजा के दौरान मां गंगा को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का करें जाप, हर कामना होगी पूरी

Renuka Sahu
9 Jun 2022 4:32 AM GMT
Chant these mantras to please Mother Ganga during worship, every wish will be fulfilled
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फाइल फोटो 

आज 9 जून गुरुवार को देश भर में गंगा दशहरा का महापर्व मनाया जा रहा है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज 9 जून गुरुवार को देश भर में गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का महापर्व मनाया जा रहा है. माना जाता है कि आज के दिन ही मां गंगा शिव की जटाओं से निकलकर धरती पर आयीं थीं. मां गंगा को शास्त्रों में मोक्षदायिनी बताया गया है. कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान के अलावा श्रद्धापूर्वक गंगा पूजन किया जाए तो मां गंगा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है. अगर आप इस दिन किसी कारणवश गंगा घाट पर स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं, तो मां गंगा की विधिवत पूजा घर पर ही करें और यहां बताए जा रहे मंत्रों का जाप करें. इससे मां गंगा का आशीर्वाद आपको प्राप्त होगा और आपकी हर कामना पूरी होगी.

गंगा घाट न जाने वाले ऐसे करें पूजन
सुबह सामान्य जल में गंगा जल को मिलाकर मां गंगा का ध्यान करके स्नान करें. स्नान के दौरान हर हर गंगे का जाप करें. इसके बाद घर में गंगा मैया की तस्वीर या शिव जी की तस्वीर जिसमें गंगा उनकी जटाओं से निकल रही हों, उसे एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें. इसके बाद गंगा मैया को रोली, अक्षत, पुष्प, लाल चुनरी, नैवेद्य, धूप और दीप आदि अर्पित करें. इसके बाद गंगा मैया के मंत्रों का जाप करें और गंगा मैया की आरती करें.
इन मंत्रों का करें जाप
1. गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति.
2. ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः.
3. गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं, त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां.
4. गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु.
5. ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:.
पूजन के आखिर में करें मां गंगा की आरती
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता, ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता.
चंद्र सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता, शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता. ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता.
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता, कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता. ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता.
एक बार जो प्राणी, शरण तेरी आता, यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता. ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता.
आरति मातु तुम्हारी, जो नर नित गाता, सेवक वही सहज में, मुक्ति को पाता. ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता.
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