धर्म-अध्यात्म

नवरात्रि के दूसरे दिन करें इन मंत्रों का जाप

Tara Tandi
10 April 2024 9:47 AM GMT
नवरात्रि के दूसरे दिन करें इन मंत्रों का जाप
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ज्योतिष न्यूज़ : चैत्र मास की नवरात्रि का आरंभ कल यानी 9 अप्रैल दिन मंगलवार से हो चुका है और इसका समापन 17 अप्रैल को हो जाएगा। आज नवरात्रि का दूसरा दिन है जो कि माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप को समर्पित किया गया है इस दिन भक्त देवी दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से माता की कृपा प्राप्त होती है।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से साधक को विजय प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है और घर परिवार में सुख शांति व समृद्धि बनी रहती है, नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना के दौरान अगर देवी के मंत्रों का विधिवत जाप किया जाए तो जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और खूब धन लाभ प्राप्त होता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं माता के चमत्कारी मंत्र और आरती।
मां ब्रह्मचारिणी के शक्तिशाली मंत्र—
मां ब्रह्मचारिणी मंत्र
1. या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
2. ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी.
सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते..
3. ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥
मां ब्रह्मचारिणी का स्रोत पाठ
तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।
ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी।
शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणीप्रणमाम्यहम्॥
मां ब्रह्मचारिणी का कवच
त्रिपुरा में हृदयं पातु ललाटे पातु शंकरभामिनी।
अर्पण सदापातु नेत्रो, अर्धरी च कपोलो॥
पंचदशी कण्ठे पातुमध्यदेशे पातुमहेश्वरी॥
षोडशी सदापातु नाभो गृहो च पादयो।
अंग प्रत्यंग सतत पातु ब्रह्मचारिणी।
मां ब्रह्मचारिणी की आरती
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो ​तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
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