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धर्म-अध्यात्म
आज अपरा एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप, भगवान विष्णु जी की होगी कृपा
Triveni
6 Jun 2021 2:33 AM GMT
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आज अपरा एकादशी है। आज के दिन विष्णु भगवान की पूजा करने का विधान है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| आज अपरा एकादशी है। आज के दिन विष्णु भगवान की पूजा करने का विधान है। सृष्टि की रचना हुई तो ब्रह्मा, विष्णु और महेश को त्रिदेव के रूप में जाना गया। इन तीनों देवताओं के अलग-अलग कार्य सौंपे गए। ब्रह्मा ने सृष्टि रचना और महादेव शिव ने संहारक की भूमिका निभाई। वहीं, भगवान विष्णु रक्षक की जिम्मेदारी ली, जिसमें सृष्टि को पाप रहित बनाने की जिम्मेदारी थी, इसीलिए हर युग में अवतार भी लेते हैं। पालनहार विष्णु की पूजा हर गुरुवार के दिन तो होती है, लेकिन एकादशी का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। एकादशी के दिन उनके मंत्रों का जाप करना कल्याणकारी होता है और उससे उनकी कृपा भी प्राप्त होती है।
प्रमुख विष्णु मंत्र
1. विष्णु स्मरण मंत्रः
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय
पुराणों के अनुसार, यह मंत्र विष्णु जी का मूल मंत्र है। जो उन्हें बेहद पंसद है। विष्णु जी के स्मरण करने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है। भक्त प्रह्लाद और ध्रुव ने इसी मंत्र के जाप से प्रभु की कृपा प्राप्त की।
2. विष्णु धन प्राप्ति मंत्रः
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर. भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन् आ नो भजस्व राधसि।।
भगवान विष्णु जी का यह मंत्र ऋग्वेद से लिया गया है। व्यक्ति जीवन में धन-संपत्ति का अभाव होने पर विष्णु के इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इसका अर्थ है, हे लक्ष्मीपते! आप साधारण दानदाता ही नहीं, बल्कि महादानी हैं।
3. विष्णु गायत्री मंत्रः
ॐ नारायणाय विद्महे
वासुदेवाय धीमहि
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।
विष्णु गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। पंरतु इस मंत्र का विधि-विधान से जाप करना चाहिए। व्यक्ति को तभी इसका फल मिलता है।
4. विष्णु पंचरूप मंत्र
ॐ अं वासुदेवाय नम:
ॐ आं संकर्षणाय नम:
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
ॐ नारायणाय नम:
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