धर्म-अध्यात्म

नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता के इन मंत्रों का करें जाप

Apurva Srivastav
25 March 2023 6:06 PM GMT
नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता के इन मंत्रों का करें जाप
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चैत्र नवरात्रि का समय चल रहा है और पांचवे दिन स्कंदमाता देवी की पूजा की जाती है. 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हुई थी और देशभर में नवरात्रि का उत्सव मनाया जा रहा है. मां दुर्गा के नौ स्वरूपों में पांचवा (fifth day of navratri) स्थान स्कंद माता का है.जिनकी भुजाओं में कमल है, सिंह उनकी सवारी है और उनका वाह मयूर यानी मोर भी है ऐसा माना जाता है. इस दिन स्कंदमाता की पूजा अर्चना करना बहतु शुभ होता है बस पूजा की विधि बिल्कुल सही और मन सच्चा होना चाहिए. यहां आपको इस दिन का मतलब, पूजा विधि, और शुभ मुहूर्त के बारे में बताएंगे.
नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा कैसे करें?
देवी स्कंदमाता को भी पीले रंग का फूल प्रिय है. देवी की पूजा-अर्चना करने से खुद भगवान कार्तिकेय की उपासना भी हो जाती है. स्कंद देव को देवों का सेनापति माना जाता है. इनकी पूजा से व्रती की मनोकामना पूरी होती है. मां स्कंदमाता की पूजा में हरे रंग का प्रयोग करें. मान्यताओं के मुताबिक, इससे देवी बहुत खुश होती हैं और साधक को जीवन ऊर्जा से भर जाता है. हरा रंग कुछ नया करने के लिए प्रेरित करता है.
स्कंदमाता की पूजा करने सा शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता देवी की पूजा शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2023 Skandmata Puja Muhurat) में करने से उनकी कृपा दृष्टि बनी रहती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि की शुरुआत 25 मार्च की दोपहर 02.53 बजे से होगी और इसकी समाप्ति अगले दिन दोपहर 03.02 बजे होगी.
स्कंदमाता मंत्र
1. बीज मंत्र – ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
2. ध्यान मंत्र – सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी.
3. पूजा मंत्र – या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
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