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दीपावली के दिन गणेश-लक्ष्मी के पूजन का विधान है। इस दिन प्रथम पूज्य भगवान गणेश और सुख-समृद्धि की दात्री मां लक्ष्मी का पूजन होता है।
दीपावली के दिन गणेश-लक्ष्मी के पूजन का विधान है। इस दिन प्रथम पूज्य भगवान गणेश और सुख-समृद्धि की दात्री मां लक्ष्मी का पूजन होता है। कल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा। दीपावली का दिन मां लक्ष्मी का पूजन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सबसे उपयुक्त दिन है। मां लक्ष्मी के आशीर्वाद सुख – सौभाग्य और धन-वैभव की प्राप्ति होती है। दीपावली के दिन मां लक्ष्मी का पूजन ऋगवेद के श्री सूक्त के आवाहन मंत्र से करना चाहिए और पूजन के अंत में मां लक्ष्मी की आरती गाई जाती है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करेंगी....
ऋग्वेद में वर्णित लक्ष्मी आव्हान का मंत्र है -
ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह।
तां म आ वह जातवेदो, लक्ष्मीमनपगामिनीम्।
यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम्।
अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनीम्।
श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम्।
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥
लक्ष्मी जी की आरती -
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
दुर्गा रुप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता, पाप उतर जाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।।
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