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धर्म-अध्यात्म
सोमवार के दिन भोलेनाथ को करें मृत्युंजय मंत्र का जाप, जानिए नियम और फायदे
Shiddhant Shriwas
14 Jun 2021 4:00 AM GMT
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भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, बेर आदि अर्पित किया जाता है. इस दिन रूद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप किया जाता है. इस मंत्र का जाप करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा- अर्चना की जाती है. इस दिन भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं. मान्यता है कि इस दिन विधि- विधान से पूजा करने से भगवान शिव आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, बेर आदि अर्पित किया जाता है. इस दिन रूद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप किया जाता है. इस मंत्र का जाप करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
ओम् त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धि पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिवबन्धनान्मृत्योर्मुक्षीयमामृतात्।।
धार्मिक मान्यता है कि जो लोग भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं इस मंत्र का जाप करते हैं. कहते हैं कि इस मंत्र का जाप करने से किसी व्यक्ति को मौत के मुंह से खींच लाता है. अगर आपके घर में कोई व्यक्ति बहुत अधिक बीमार है तो इस मंत्र का जाप करने से स्वस्थ हो जाते हैं. इतना ही नहीं, इस मंत्र के प्रभाव से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं. शास्त्रों के मुताबिक इस मंत्र का जाप सवा लाख बार किया जाना चाहिए.
महामृत्युंजय जाप का फायदा
आकाल मृत्यु से बचाता है
अगर किसी व्यक्ति के हाथों में अकाल मृत्यु का योग होता है तो इस मंत्र का जाप करने से मृत्यु का योग टाला जा सकता है. मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को मौत के मुंह से बाहर लाया जा सकता है. कहते हैं कि अगर आपकी कुंडली में गंभीर बीमारी, दुर्घटना या कम आयु का योग हैं तो इस मंत्र के जाप से टाला जा सकता है.
धन लाभ
अगर आप आर्थिक संकंट से जूझ रहे हैं तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. इस मंत्र के प्रभाव से आपके रुके हुए काम बन जाएंगे. इन मंत्रों का जाप शिवलिंग के सामने बैठकर करना चाहिए.
स्वास्थ्य अच्छा रहता है
इस मंत्र का जाप करने से आपका स्वास्थ्य अच्छा रहता है. आपको हर सुबह उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनकर रुद्राक्ष की माला लें और इस मंत्र का जाप करें. इससे आपका स्वास्थ्य ठीक बना रहेगा.
महामृत्युजंय जाप का नियम
इन मंत्रों का जाप करने में किसी तरह का अशुद्धि नहीं होनी चाहिए, यानी बोलते समय गलती ना करें.
इस जाप को कुश के आसन पर बैठकर करना चाहिए. बिना आसन के जाप न करें.
मंत्र का जाप पूर्व दिशा में मुख करके करें.
जाप के समय भगवान शिव पर दूध का अभिषेक जरूर करें.
मंत्र जाप करते समय माला 108 बार पूरी करने के बाद ही उठें.
Shiddhant Shriwas
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