धर्म-अध्यात्म

अष्टमी पर करें माँ दुर्गा के 108 नामों का जाप, मिलेगा मनचाहा वर

Apurva Srivastav
16 April 2024 3:00 AM GMT
अष्टमी पर करें माँ दुर्गा के 108 नामों का जाप, मिलेगा मनचाहा वर
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नई दिल्ली : जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की महिमा निराली हैं। अपने भक्तों पर दया-कृपा बरसाती हैं, तो दुष्टों का संहार करती हैं। मां दुर्गा अष्टभुजा धारी हैं, जो विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित हैं। मां दुर्गा की सवारी सिंह हैं। वेदों एवं उपनिषदों में मां की महिमा का गुणगान किया गया है।
ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
धार्मिक मत है कि मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा, मां दुर्गा की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। अतः साधक चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा की कठिन साधना करते हैं। अगर आप भी मनचाहा वर पाना चाहते हैं, तो चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि पर विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय मां दुर्गा के नामों का मंत्र जप करें।
मां दुर्गा के 108 नाम
ॐ शिवायै नमः
ॐ श्रीमहाविद्यायै नमः
ॐ श्रीमन्मुकुटमण्डितायै नमः
ॐ कल्याण्यै नमः
ॐ करुणारससागरायै नमः
ॐ कमलाराध्यायै नमः
ॐ कालिप्रभृतिसंसेव्यायै नमः
ॐ कमलासनसंस्तुतायै नमः
ॐ अम्बिकाय नमः
ॐ अनेकसौभाग्यदात्र्यै नमः
ॐ आनन्दविग्रहायै नमः
ॐ ईक्षणत्रयसंयुक्ताय नमः
ॐ हृत्सरोरुहवासिन्यै नमः
ॐ आद्यन्तरहितायै नमः
ॐ अनेककोटिभास्करप्रभायै नमः
ॐ ईश्वरोत्संगनिलयायै नमः
ॐ ईतिबाधाविनाशिन्यै नमः
ॐ इन्दिरारतिसंसेव्यायै नमः
ॐ ईश्वरार्धशरीरिण्यै नमः
ॐ लक्ष्म्यर्थरूपायै नमः
ॐ लक्ष्मीशब्रह्मेशामरपूजितायै नमः
ॐ उत्पत्यादिविनिर्मुक्तायै नमः
ॐ विद्याप्रतिपादिन्यै नमः
ॐ ऊर्ध्वलोकप्रदाय नमः
ॐ हानिवृद्धिविवार्जितायै नमः
ॐ सर्वेश्वर्यै नमः
ॐ सर्वलभ्यायै नमः
ॐ गुरुमूर्तिस्वरूपायै नमः
ॐ समस्तप्राणिनिलयायै नमः
ॐ सर्वलोकसुन्दर्यै नमः
ॐ कामाक्ष्यै नमः
ॐ कामदात्र्य नमः
ॐ कामेशाङ्कनिवासिन्यै नमः
ॐ हरार्धदेहायै नमः
ॐ कल्हारभूषिताय नमः
ॐ हरिलोचनायै नमः
ॐ ललितायै नमः
ॐ लाकिनीसेव्याय नमः
ॐ लब्धैश्वर्यप्रवर्तिन्यै नमः
ॐ ह्रींकारपद्मनिलयायै नमः
ॐ ह्रींकारनवकौस्तुभायै नमः
ॐ समस्तलोकजनन्यै नमः
ॐ सर्वभूतेश्वर्यै नमः
ॐ करीन्द्रारूढसंसेव्याय नमः
ॐ कमलेशसहोदर्यै नमः
ॐ गणेशगुहाम्बायै नमः
ॐ ह्रींकारबिन्दुलक्षितायै नमः
ॐ एकाक्षर्य नमः
ॐ एकरूपायै नमः
ॐ ऐश्वर्यफलदायिन्यै नमः
ॐ ओंकारवर्णनिलयायै नमः
ॐ औदार्यादिप्रदायै नमः
ॐ गायत्र्यै नमः
ॐ गिरिराजकन्याय नमः
ॐ गूढार्थबोधिन्यै नमः
ॐ चन्द्रशेखरार्धाङ्ग्य नमः
ॐ चूडामणिभूषितायै नमः
ॐ जातीचंपकपुन्नागकेतकीकुसुमार्चितायै नमः
ॐ तनुमध्यायै नमः
ॐ दानवेन्द्रसंहर्त्र्य नमः
ॐ दीनरक्षिण्यै नमः
ॐ स्वधर्मपरसंसेव्यायै नमः
ॐ धनधान्याभिवृद्धिदाय नमः
ॐ नारायण्यै नमः
ॐ नामरूपविवर्जिताय नमः
ॐ अपराजितायै नमः
ॐ परमानन्दरूपायै नमः
ॐ परमानन्ददायै नमः
ॐ पाशाङ्कुशाभयवरविलसत्करपल्लवायै नमः
ॐ पुराणपुरुषसेव्यायै नमः
ॐ पुष्पमालाविराजिताय नमः
ॐ फणीन्द्ररत्नशोभाढ्यायै नमः
ॐ बदरीवनवासिन्यै नमः
ॐ बालायै नमः
ॐ विक्रमसंहृष्टायै नमः
ॐ बिम्बोष्ठ्य नमः
ॐ बिल्वपूजितायै नमः
ॐ बिन्दुचक्रैकनिलयाय नमः
ॐ भवारण्यदवानलायै नमः
ॐ भवान्यै नमः
ॐ भवरोगघ्न्यै नमः
ॐ भवदेहार्धधारिण्य नमः
ॐ भक्तसेव्यायै नमः
ॐ भक्तगण्यायै नमः
ॐ भाग्यवृद्धिप्रदायिन्यै नमः
ॐ भूतिदात्र्यै नमः
ॐ भैरवादिसंवृताय नमः
ॐ माहेश्वर्यै नमः
ॐ सर्वेष्टायै नमः
ॐ श्रीमहादेव्यै नमः
ॐ त्रिपुरसुन्दर्यै नमः
ॐ मुक्तिदात्र्यै नमः
ॐ राजराजेश्वर्यै नमः
ॐ विद्याप्रदायिन्यै नमः
ॐ भवरूपायै नमः
ॐ विश्वमोहिन्यै नमः
ॐ शंकर्यै नमः
ॐ शत्रुसंहर्त्र्यै नमः
ॐ त्रिपुरायै नमः
ॐ त्रिपुरेश्वर्यै नमः
ॐ श्रीशारदासंसेव्यायै नमः
ॐ श्रीमत्सिंहासनेश्वर्यै नमः
ॐ श्रीमन्मुनीन्द्रसंसेव्याय नमः
ॐ श्रीमन्नगरनायिकायै नमः
ॐ श्रीराजराजेश्वर्यै नमः
ॐ श्रीस्वर्णगौर्यै नमः
ॐ श्रीमात्रे नमः
ॐ श्रीमहाराज्ञ्यै नमः
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