धर्म-अध्यात्म

चाणक्य नीति : समय रहते इनसे बना लें दूरी, ये तीन सबसे करीबी लोग आपके लिए आस्तीन के सांप हो सकते हैं,

Renuka Sahu
10 July 2023 5:03 AM GMT
चाणक्य नीति : समय रहते इनसे बना लें दूरी, ये तीन सबसे करीबी लोग आपके लिए आस्तीन के सांप हो सकते हैं,
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आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि आपके तीन सबसे करीबी लोग आपके सबसे बड़े शत्रु साबित हो सकते हैं, जानकर आप भी चौंक उठेंगे! आचार्य चाणक्य की सैकड़ों वर्ष पुरानी नीतियां आज भी सामयिक और परिवार, समाज एवं देश के लिए कल्याण कारी साबित हो रही हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि आपके तीन सबसे करीबी लोग आपके सबसे बड़े शत्रु साबित हो सकते हैं, जानकर आप भी चौंक उठेंगे! आचार्य चाणक्य की सैकड़ों वर्ष पुरानी नीतियां आज भी सामयिक और परिवार, समाज एवं देश के लिए कल्याण कारी साबित हो रही हैं. उन्होंने अपने श्लोकों से दुनियादारी की तमाम सीखें देने की कोशिश की है. उन्होंने सवाल खड़े करते हुए और उसके तमाम हल भी बताने की कोशिश की है. आचार्य चाणक्य ने बताया है कि आपके सबसे बड़े दुष्ट अथवा हितैषी कौन हो सकते हैं. एक श्लोक के जरिये आचार्य ने यह भी बताया है कि आपके किस तरह अपनी आस्तीन में सांप पालते हैं, जो आपके जीवन के दुश्मन बन सकते हैं.

ऐसे लोग कब जहरीले सांप बनकर आपको डस लें, आपको पता ही नहीं चलेगा. ऐसे में बेहतर है कि आप अपने करीबियों पर भी नजर रखें और समय रहते उससे दूर बना लें. आइये जानें निम्न श्लोक में आचार्य चाणक्य उपरोक्त बातों की कैसे व्याख्या की है
'दुर्जनस्य च सर्पस्य वरं सर्पो न दुर्जनः .
सर्पो दंशति काले तु दुर्जनस्तु पदे पदे ..
तक्षकस्य विषं दन्ते मक्षिकायास्तु मस्तके.
वृश्चिकस्य विषं पुच्छे सर्वाङ्गे दुर्जने विषम्..'
ये तीन व्यक्ति हो सकते हैं आपके लिए सबसे घातक
झूठा मित्रः- आचार्य चाणक्य के अनुसार यह सच है कि अकसर मित्र परिजनों से ज्यादा अच्छे साबित होते हैं, लेकिन मित्र का मुखौटा पहनकर कोई आपके साथ रहता है तो ऐसे लोग आपके लिए कोबरा सांप से भी ज्यादा जहरीले साबित हो सकते हैं. इसलिए मित्रों का चयन करने के बाद उन्हें परखने की कोशिश जरूर कर लें, अगर मित्र दुर्जन है तो वह आपके पीठ पीछे ऐसा वार कर सकता है, जो आपके अस्तित्व को भी मिटा सकता है. समय रहते ऐसे मित्र का साथ तुरंत छोड़ दें.
लालची नौकरः- आपका पालतु सांप आपके लिए उतना घातक नहीं हो सकता, जितना एक दुष्ट एवं लालची नौकर हो सकता है, क्योंकि सांप तभी आप पर हमला करता है, जब आप उसे किसी रूप से परेशान करते हैं, आचार्य चाणक्य के अनुसार एक लालची नौकर उस सांप से ज्यादा घातक और नुकसान पहुंचाने वाले हो सकते हैं. ऐसे नौकर आपके सामने जी-हुजूरी करते हुए अपनी समस्त चालाकी झोंक देते हैं, और आप उस आवरण में उसे समझ नहीं पाते, लेकिन थोड़े से लाभ के लिए वह आपके खिलाफ कोई भी षड़यंत्र कर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे लालची नौकर को पहचान कर तुरंत उसे घर से निकाल दें.
दुष्ट पत्‍नी:- आचार्य चाणक्य के अनुसार दुनिया का कोई भी गृहस्थ व्यक्ति सबसे ज्यादा अपनी पत्नी पर विश्वास और प्यार करता है, और यही सच भी है, लेकिन अगर आपकी पत्नी आपको आपके बच्चों, परिवार, मित्रों के सामने अपमान करने से नहीं चूकती, आपको आये दिन जलील करती रहती है. आपके मान-सम्मान का उसकी नजरों में कोई महत्व नहीं होता, वह औरत आपकी पत्नी कहलाने लायक नहीं है. ऐसी पत्नियां अवसर पाते ही आपका अस्तित्व तक मिटा सकती है, इसलिए समय रहते ऐसी औरत से दूर हो जाना ही समझदारी है.
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