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चाणक्य नीति: अगर जीवन में प्रशंसा पाना है तो अपनाएं ये रणनीति
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | हर कोई चाहता है कि ऑफिस में उसकी वाहवाही हो लेकिन सभी के साथ ऐसा संभव नहीं हो पाता है. नतीजन, वो हमेशा सोचता रहता है कि ऐसा क्या करें की सब उसकी तारीफ करें, खासतौर से बॉस. ऐसे में उस व्यक्ति के ऑफिस के काम भी प्रभावित होता है. वहीं कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो खुद के सामने किसी दूसरे को कुछ नहीं समझते हैं. उन्हें लगता है कि वो अकेले सब काम कर सकता है, उसके मुकाबले कोई कुछ नहीं है. ऐसे में ऑफिस के बहुत से लोग या उनके टीम मेंबर उनसे क्रोधित नाखुश रहने लगते हैं. इसके बाद व्यक्ति ऑफिस की परेशानियों वहां की बातों के कारण हमेशा परेशान रहने लगता है. चाणक्य नीति भी कहती हैं कि जो व्यक्ति सभी को साथ लेकर चलता हैं वलो हमेशा प्रशंसा पाता है. जो लोग ऐसा नहीं कर पाते हैं वो योग्य होने के बाद भी सम्मान नहीं प्राप्त कर पाते हैं. ऐसे लोग बाद में कुंठित हो जाते हैं अपनी कार्य क्षमता को नष्ट कर लेते हैं. इसलिए चाणक्य की इन बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति कितना ही प्रतिभावान क्यों न हो अगर उसमें लोगों से सहयोग लेने की भावना नहीं है तो वह अपने कार्य में कभी भी सफल नहीं हो सकता है. ऐसे लोगों का परिश्रम व्यर्थ जाता है. क्योंकि कार्य को पूरा करने के लिए सभी के सामूहिक प्रयासों का बहुत महत्व होता है. इस प्रयास में कोई भी व्यक्ति जब सहयोगात्मक शैली नहीं अपनता है तो उस कार्य को पूरा करने में समस्या आती है.
1. दूसरों को अवसर प्रदान करें
हर व्यक्ति में कोई न कोई खूबी होती है तो दूसरों की काबिलियत पर भरोसा कर के उन्हें अवसर प्रदान करें. अगर आप ऑफिस में शीर्ष पद पर तैनात है तो अपने सहयोगियों की प्रतिभा को समझें उसे देखते हुए कार्य की जिम्मेदारी दें. ऐसा करने से समय रहते कार्य पूरा होगा उसकी क्वालिटी में भी निखार आएगा.
2. अनुशासन का करें पालन
अनुशासन व्यक्ति के गुणों में निखार लाने का कार्य करता है. यहीं वजह है की सभी को अपने जीवन में अनुशासन का पालन करना चाहिए. अनुशासन में रहकर ही कार्य को बेहतर बनाया जा सकता है. स्वयं को अनुशासित बनाएं इससे आपके सहयोगियों में भी अनुशासन की भावना जाग्रत होगी जिससे कार्य स्थल पर एक सकरात्मक सुखद माहौल बना रहेगा.
3. एक-दूसरे को करें प्रेरित
कार्य स्थल पर साथ में काम करने वाले सभी सहयोगियों को बेहतर करने के लिए निरंतर प्रेरित करते रहें. एक दूसरे की प्रेरणा बनकर ही कार्य को सफल बनाया जा सकता है.
4. करें सम्मान
सम्मान देने से ही सम्मान प्राप्त होता है, इस बात का हमेशा ध्यान रखें. कार्य स्थल पर हमेशा एक-दूसरे उनके काम का सम्मान करें.