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धर्म-अध्यात्म
Chanakya Niti: शत्रु को पराजित करने के लिए जान लें चाणक्य की इन बातों को, मिलेगी विजय
Deepa Sahu
12 Jun 2021 3:20 PM GMT
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चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है.
Chanakya Niti: चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. आचार्य चाणक्य ने अपने अनुभव और ज्ञान से जो कुछ भी ग्रहण किया, उसे अपनी चाणक्य नीति में दर्ज किया. चाणक्य नीति व्यक्ति को सुख और दुख में किस तरह से रहना चाहिए और इनका सामना किस प्रकार से करना चाहिए इस बारे में बताती है.
आचार्य चाणक्य का मानना था कि हर व्यक्ति जो सफलता के पथ पर अग्रसर रहता है, उसके प्रतिद्वंदी और शत्रु स्वभाविक रूप से विकसित हो जाते हैं. ये लोग आपकी सफलता में बाधा पहुंचाने का कार्य करते है. पग पग पर परेशानियां प्रदान करने का कार्य करते हैं. लेकिन जो व्यक्ति साहसी होता है और अपने लक्ष्य को लेकर गंभीर रहता है, उसका ये लोग कुछ नहीं कर पाते हैं. शत्रुओं से कैसे बचा जाए और समय आने पर इन्हें कैसे परास्त किया जाए, इस पर चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में बताया है. आइए जानते हैं आज का चाणक्य नीति-
शत्रु को कमजोर न समझें
चाणक्य के अनुसार शत्रु को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए. जब व्यक्ति यह गलती कर बैठता है तो उसे नुकसान उठाना पड़ता है.
गतिविधियों पर नजर रखें
चाणक्य का मानना है कि शत्रु की गतिविधियों को कभी अनेदखा नहीं करना चाहिए. शत्रु की प्रत्येक गतिविधि की जानकारी होना जरूरी है. जानकारी मिलते रहने से, आप शत्रु की पराजित करने की योजना बना सकते हैं.
शत्रु का स्वभाव और शक्ति ज्ञात होनी चाहिए
चाणक्य नीति के अनुसार शत्रु का स्वभाव और उसकी शक्ति का सही अदांजा होना बहुत ही जरूरी है. शत्रु शक्तिशाली हो तो छिप जाना चाहिए और समय का इंतजार करना चाहिए. स्वयं की शक्तियों में समय समय पर वृद्धि करते रहना चाहिए. ऐसा करने से शत्रु शांत रहते हैं.
अहंकार से दूर रहें
चाणक्य के अनुसार अहंकार शत्रुओं की संख्या बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है. अहंकार से व्यक्ति को दूर रहना चाहिए.
Deepa Sahu
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