धर्म-अध्यात्म

Chanakya Niti : आचार्य के वो तीन मंत्र जिनसे प्रतिद्वंदियों और दुश्मनों पर आसानी से विजय प्राप्त कर सकते हैं

Bhumika Sahu
19 Jan 2022 2:44 AM GMT
Chanakya Niti : आचार्य के वो तीन मंत्र जिनसे प्रतिद्वंदियों और दुश्मनों पर आसानी से विजय प्राप्त कर सकते हैं
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सफलता कभी अकेले नहीं आती, आपके लिए कई प्रतिद्वंदियों को भी लाती है. इसलिए सफलता पाने के बाद भी खुद पर कभी अहंकार न करें, बल्कि हर दिन खुद को और मजबूत बनाते रहें, ताकि आप हर परिस्थिति में अपने प्रतिद्वंदी का मुकाबला करने लायक बने रहें.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जीवन में जो लोग बड़े लक्ष्य रखते हैं, बड़े मुकाम पाना चाहते हैं, वे कभी अपने शत्रुओं से नहीं डरते. बल्कि हर दिन अभ्यास करते हुए अपनी प्रतिभा को निखारने का काम करते हैं, ताकि किसी भी परिस्थिति में वे शत्रु का डटकर मुकाबला कर सकें. वास्तव में आपके शत्रु ही हैं, जो आपको निरंतर मेहनत करते रहने और आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देते हैं. इसलिए अगर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है, शत्रु पर विजय हासिल करनी है, तो आचार्य चाणक्य की तीन बातों को गांठ बांध लें. आचार्य चाणक्य की गिनती संसार के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. उन्होंने जीवन में जो कुछ भी कहा है, अपने अनुभवों के आधार पर कहा है और उनकी कही बातें आज के समय में भी सटीक साबित होती हैं. यहां जानिए आचार्य के वो तीन मंत्र जिनसे आप अपने प्रतिद्वंदियों और दुश्मनों पर आसानी से विजय प्राप्त कर सकते हैं.

1. आपके शत्रु की ताकत आपसे कम नहीं
चाणक्य के अनुसार कभी भी अपने शत्रु को हल्का नहीं मानना चाहिए. वो आपसे मुकाबला करने की दम रखता है, ​तो निश्चित रूप से उसने भी इसके लिए तैयारी की होगी. अगर आपने अपने प्रतिद्वंदी या शत्रु को कमतर आंकने की गलती कर दी, तो आप कभी न कभी मात जरूर खाएंगे. लेकिन अगर आप उसे अपनी ही तरह या अपने से भी मजबूत मानकर तैयारी करेंगे, तो निश्चित रूप से आप उसके हर दांव का आकलन कर पाएंगे और अपने आपको अच्छे से उसका मुकाबला करने के लिए तैयार कर पाएंगे.
2. क्रोध न करें
चाणक्य का मानना था कि क्रोध व्यक्ति का बहुत बड़ा दुश्मन है. क्रोध में अक्सर व्यक्ति कोई न कोई गलती कर बैठता है. कई बार शत्रु आपको क्रोध दिलाकर आपसे गलत निर्णय करवाना चाहते हैं. अगर ऐसे में आप उनकी बातों में फंस गए तो वो मौका देखकर आप पर हावी हो जाएगा. इसलिए अपने क्रोध पर नियंत्रण करना सीखें और ठंडे दिमाग से कोई भी फैसला लें. तभी आप ये निर्धारित कर पाएंगे कि आपको किस मौके पर क्या दांव चलना चाहिए.
3. धैर्य बहुत जरूरी
चाणक्य का कहना था कि अगर आपका लक्ष्य बड़ा है, तो आपको उसकी तैयारी करने में समय भी काफी देना होगा. इसके लिए आपको धैर्य की बहुत जरूरत है. इसलिए किसी भी हाल में धैर्य का साथ न छोड़ें. जीवन में कई बार सीखने की प्रक्रिया में हार का सामना भी करना पड़ता है, ऐसे में व्यक्ति को धैर्य के साथ ही ये समझना होता है कि उसने गलती कहां पर की, जिसकी वजह से उसे ​हार मिली. इसलिए धैर्य के साथ स्थिति का आकलन करें, अपनी तैयारी करें और निरंतर लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें.


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