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धर्म-अध्यात्म
Chanakya Niti : व्यक्ति के बुरे समय का कारण बनती हैं ये बातें, जानिए
Bhumika Sahu
26 July 2021 1:14 AM GMT
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आचार्य चाणक्य ने अपनी किताब नीतिशास्त्र में जीवन के तमाम पहलुओं का जिक्र किया है. आज भी लोग उनकी बातों का अनुसरण करते हैं. चाणक्य ने बताया है कि वो कौन सी बातें है जो व्यक्ति के दुख का कारण बनती हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य की सोच सामान्य लोगों से थोड़ी अलग थी. उन्होंने कम उम्र में ही वेद और पुराणों का ज्ञान लिया. उन्होंने अपनी कुशल राजनैतिक रणनीति के चलते सामान्य से बालक को चंद्रगुप्त मौर्य सम्राट बना दिया. वे आर्थशास्त्र, रणनीति के कुशल ज्ञाते थे. उन्होंने अपने जीवन काल में कई सारे ग्रंथों को लिखा हैं. लेकिन आज भी लोग उनकी नीतिशास्त्र को पढ़ना पसंद करते हैं.
इस किताब में जीवन के तमाम पहलुओं के बारे में बताया है. ये किसी किताब किसी भी व्यक्ति के सफलता प्राप्त करने का रास्ता बन सकती है. कई लोग आज भी इन बातों को पढ़ना पसंद करते हैं और उनकी नीतियों को अपने जीवन में अनुसरण करते हैं. आचार्य चाणक्य ने बताया कब व्यक्ति का समय बुरा आता है, इसके पीछे क्या परिस्थिति होती है. इसके बारे में जानकारी दी है.
1. आचार्य चाणक्य के मुताबिक अगर किसी की पत्नी मर जाती है तो वो व्यक्ति दूसरी शादी कर जीवन बिता सकता है. अगर पत्नी का बुढ़ापे में मरना उसके दुर्भाग्य का कारण बनता है.
2. चाणक्य के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को दूसरे पर निर्भर नहीं होना चाहिए. किसी अन्य पर आश्रित जीवन नर्क के समान होता है और उसे किसी भी प्रकार की आजादी नहीं रहती है. शास्त्रों में भी दूसरों के साहरे जीवन जीने वाले व्यक्ति की किस्मत खराब मानी गई है.
3. अगर कोई व्यक्ति पैसों को खिजूल में खर्च करता है तो इसका अर्थ है उसके लिए पैसों का कोई महत्व नहीं है. इस प्रकार के व्यक्ति स्वभाव से झगड़ालू और घमंडी होते हैं. ये लोग किसी भी व्यक्ति की इजनत नहीं करते हैं. इन लोगों का जब नाश होता है तो इन्हें भी समझ नहीं आता है.
4. चाणक्य के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति के द्वारा कमाया गए पैसे दुश्मनों के हाथ चले जाते हैं तो उसे दोहरी मार पड़ती है. एक तो उसके पैसे भी जाते हैं और दूसरा दुश्मन द्वारा भी इस्तेमाल किया जाता है.
5. कुछ गुण व्यक्ति के अंदर खुद आते हैं. इसे कही से भी सीखा नहीं जाता है. किसी व्यक्ति की मदद करना, लोगों की सेवा करना, सही और गलत का फैसला करना. इन गुणों को कोई नहीं सिखाता है.
6. आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस व्यक्ति के मन में पाप और लोभ है वो बाहर से कितना भी अच्छा क्यों न हों. समय आने पर अपनी असली व्यवहार दिखा देता है. इस प्रकार के लोगों से दूरी बना रखें.
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