धर्म-अध्यात्म

चाणक्य नीति : घर में दिख रहे हैं ये संकेत, न करें नजरअंदाज, समझिए बुरा वक्त जल्द शुरू होगा

Bhumika Sahu
5 July 2022 2:26 PM GMT
चाणक्य नीति : घर में दिख रहे हैं ये संकेत, न करें नजरअंदाज, समझिए बुरा वक्त जल्द शुरू होगा
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घर में दिख रहे हैं ये संकेत

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Chanakya Niti: आचार्य चाणक्‍य ने अपने नीतिशास्‍त्र में काफी कुछ लिखा है। उनके द्वारा बताई गई हर एक बातें हम सभी के जीवन में लक्ष्य पाने के लिए प्रेरित करती हैं। यही कारण है कि आज भी लोग उनके द्वारा कही गई बातें को जरूर अपनाते हैं। आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि बुरा समय आने से पहले ही उसका आभास होने लगता है। उन्होंने बताया है कि यदि हम घर या आसपास घटने वाली कुछ घटनाओं पर ध्यान दें तो हमें बुरा वक्‍त आने का संकेत मिल जाएगा। अपने नीतिशास्‍त्र में आचार्य चाणक्य ने ऐसे ही संकेत के बारे में बताए हैं जो घर पर आने वाले आर्थिक संकट की ओर इशारा करते हैं। आइए जानते हैं उन संकेतों के बारे में जो घर पर आने वाले आर्थिक संकट की ओर इशारा करते हैं।

'तुलसी के पौधे का सूख जाना, घर में क्लेश होना, शीशे का बार-बार टूटना, पूजा पाठ का अभाव और बड़े बुजुर्गों का तिरस्कार करना' – आचार्य चाणक्य
तुलसी पौधे का सूखना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर आपके आंगन या घर में लगे तुलसी का पौधा सूखने लगे तो इसका मतलब है कि आपको आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए तुलसी के पौधे का ध्‍यान रखें।
आए दिन घर में झगड़े होना
चाणक्‍य नीति कहती है कि यदि आपके घर में हमेशा परिवारवालों के साथ लड़ाई होती रहती हैं तो ऐसे में आपके घर में मां लक्ष्मी का वास नहीं होगा। जिसकी वजह से आपकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है।
बार-बार शीशे का टूटना
आचार्य चाणक्य के मुताबिक जिस घर में बार-बार शीशा टूट रहा हों उस घर में आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
घर में पूजा-पाठ न होना
आचार्य चाणक्य की मानें तो घर में सुख समृद्धि के लिए नियमित रूप से पूजा पाठ होना जरूरी है। जिस घर पर रोजाना मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है वहां पर उनकी कृपा बनी रहती है। वहीं जिस घर में पूजा पाठ नहीं होता वहां पर मां लक्ष्मी कभी भी नहीं आती हैं।
बड़े बुजुर्गों का अनादर करना
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस घर में बड़े-बुजुर्गों का अनादर होता है वहां पर न तो कभी मां लक्ष्‍मी निवास करती हैं और न ही घर में सुख समृद्धि आती है। इसलिए चाणक्य जी कहते हैं कि हमेशा अपने बड़ों का सम्मान करें।


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