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धर्म-अध्यात्म
चाणक्य नीति: मनुष्य के लिए ये 6 स्थितियां बहुत ही होती हैं कष्टकारी जाने क्यों
Teja
30 May 2022 4:46 AM GMT
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आचार्य चाणक्य को भारतीय राजनीति, कूटनीति और अर्थशास्त्र का पितामह कहा जाता है,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आचार्य चाणक्य को भारतीय राजनीति, कूटनीति और अर्थशास्त्र का पितामह कहा जाता है, उन्होंने अपनी नीतियों में ना केवल सफलता के मूलमंत्र का उल्लेख किया है बल्कि जीवन के हर पहलू पर बात की है और उन्होंने मनुष्य को जीवन की कई ऐसी गूढ़ बातें बताई है जिसे मानकर व्यक्ति जीवन में कभी भी मात नहीं खा सकता है. आचार्य चाणक्य ने मनुष्य को जीवन की कई ऐसी गूढ़ बातें बताई है जिसे मानकर व्यक्ति जीवन में कभी भी मात नहीं खा सकता. वैसे तो चाणक्य ने अर्थशास्त्र के संबंध पर काफी कुछ लिखा है, लेकिन उन्होंने खुशहाल जीवन और उन्नति के बारें में भी कई बातें बताई है. जिनका पालन कर आप भी अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं
चाणक्य नीति के अनुसार किसी भी मनुष्य के लिए पत्नी का वियोग होना, अपने ही लोगों द्वारा बेइज्जत होना. कर्ज, दुष्ट राजा की सेवा करना. गरीबी और कमजोर लोगों की सभा में शामिल होना ये छह बातें शरीर को बिना अग्नि के ही जला देती हैं.
चाणक्य के इस श्लोक का भाव ये है कि जिस व्यक्ति की पत्नी छोड़कर चली जाती है, उसका दर्द वही समझ सकता है. वहीं व्यक्ति अपनों द्वार जब बेइज्जत होता है तो ये बहुत बड़ा कष्ट होता है. ये एक ऐसी पीड़ा होती है जो जिसे भूला पना मुश्किल होता है. इससे भी अधिक कष्टकारी दुष्ट राजा की सेवा करना होता है.
चाणक्य नीति में सफलता के लिए अच्छी संगत पर विशेष जोर दिया है. इस श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति गलत लोगों की संगत करता है. दुष्ट लोगों के साथ उठता-बैठता है और बुरे कार्यों को करने वाले से मित्रता करता है तो ऐसे व्यक्ति को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता है. इसीलिए संगत को लेकर मनुष्य सदैव गंभीर और सतर्क रहना चाहिए.
Teja
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