धर्म-अध्यात्म

Chanakya Niti : ये 4 बातों का हर माता-पिता को बच्चों के सामने ध्यान रखनी चाहिए

Bhumika Sahu
17 Feb 2022 2:05 AM GMT
Chanakya Niti : ये 4 बातों का हर माता-पिता को बच्चों के सामने ध्यान रखनी चाहिए
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चाणक्य नीति में आचार्य ने कहा है कि बच्चों के सामने माता पिता को बहुत सोच समझकर व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि आपके बच्चे आपको देखकर ही सीखते हैं. ऐसे में आपका गलत व्यवहार आपके बच्चे की आदतों को खराब कर सकता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।आचार्य चाणक्य की बातें सुनने में बेशक कठोर लगती हैं, लेकिन वास्तव में अगर आपने उन्हें जीवन में अपना लिया तो आप बड़े बड़े संकट को भी आसानी से टाल सकते हैं. आचार्य चाणक्य की कही हर बात उनके जीवन का निचोड़ है. आचार्य एक महान शख्सियत थे. उन्हें अर्थशास्त्र, रा​जनीति, समाजशास्त्र आदि तमाम विषयों की गहन जानकारी ​थी. आचार्य इतने अनुभवी थे कि आने वाली किसी भी परिस्थिति को समय से पहले ही भांप लेते थे और उससे निपटने की रणनीति तैयार कर लेते थे. ये आचार्य की कुशल बुद्धि ही थी, जिसके बूते पर उन्होंने समस्त नंद वंश का नाश कर दिया था और मौर्य वंश की स्थापना की थी. अपने ग्रंथ चाणक्य नीति (Chanakya Niti ) में आचार्य ने जीवन के हर पहलु को समेटने का प्रयास किया है. यहां जानिए ऐसी कुछ बातों के बारे जिनका माता पिता (Parents) को बच्चों के बीच विशेष खयाल रखना चाहिए, वरना आपके बच्चों पर बुरा असर पड़ता है.

भाषा
आपके बच्चे आपको ही देखकर सीखते हैं. अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे शालीन और संस्कारी बनें, तो सबसे पहले उनकी भाषा को बेहतर बनाना होगा. इसके लिए आपको भी उनके सामने बेहतर भाषा का इस्तेमाल करना होगा. अगर आप बच्चों के सामने गलत भाषा बोलेंगे तो आपके बच्चे भी उसी का अनुसरण करेंगे.
झूठ न बोलें
कई बार माता पिता बच्चों के सामने झूठ बोलते हैं, या अपने स्वार्थ के लिए बच्चे से झूठ बुलवाते हैं, इससे आपके बच्चे झूठ बोलना सीख जाते हैं. आगे जाकर उनकी ये आदत आपके लिए ही मु​श्किल बढ़ा सकती है.
आपस में सम्मान करें
बच्चों के सामने हमेशा एक दूसरे से सम्मानजनक भाषा में ही बात करें. अगर आप एक दूसरे का सम्मान नहीं करेंगे तो आपके बच्चे आपसे यही सीख लेंगे. भविष्य में वे आपका भी अपमान करने से नहीं चूकेंगे.
कमियां न निकालें
घर में एक दूसरे की कमियां न निकालें. न ही किसी का अपमान करें. आपकी ये आदत आपके बच्चों को दूसरों में बस कमियां ढूंढना सिखाएगी. ऐसे में बच्चों में सीखने की क्षमता घट जाएगी और वे दूसरों को नीचा दिखाने से भी नहीं झिझकेंगे.


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