धर्म-अध्यात्म

Chanakya niti: ऐसी स्त्री से विवाह करने वाला व्यक्ति होता है बहुत भाग्यशाली

Shiddhant Shriwas
24 Sep 2021 3:32 AM GMT
Chanakya niti: ऐसी स्त्री से विवाह करने वाला व्यक्ति होता है बहुत भाग्यशाली
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आचार्य चाणक्य की गिनती आज भी श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है। उन्हें एक राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ और कुशल अर्थशास्त्री के रूप में जाना जाता

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य की गिनती आज भी श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है। उन्हें एक राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ और कुशल अर्थशास्त्री के रूप में जाना जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन में अच्छी और बुरी दोनों तरह की परिस्थितियां देखी थी। उन्हें विभिन्न विषयों का तो गहराई से ज्ञान था ही साथ ही व्यवहारिक जीवन की भी बहुत अच्छी समझ थी। उन्होंने मानव हित में कई शास्त्र लिखें। इनमें से नीति शास्त्र की बातें आज भी लोगों के बीच प्रचलित हैं। नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। चाणक्य की नीतियां इतने समय के बाद आज भी मनुष्य का मार्गदर्शन करने का काम करती हैं। नीति शास्त्र में गृहस्थ जीवन को लेकर भी कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। आचार्य चाणक्य ने कुछ गुणों के बारे में बताया है। जिस स्त्री में ये गुण होते हैं उसका पति बहुत भाग्यशाली होता है। तो आइए जानते हैं इस बारे में।

धर्म परायण वेदों को जानने वाली

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो स्त्री धर्म का पालन करने वाली और वेदों का ज्ञान रखने वाली होती है, वह सही और गलत का भेद भली प्रकार से से समझती है। ऐसी स्त्री स्वयं के साथ पूरे परिवार का मान-सम्मान बढ़ाती है। ऐसी स्त्री अपनी संतान को भी अच्छे संस्कार देती है। इस तरह से वह अपनी आगे आने वाली पीढ़ी को भी सत्कर्मों की ओर प्रेरित करती है।

विनम्रता और मीठी वाणी का गुण

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस स्त्री में विनम्रता का गुण होता है। उससे विवाह करने वाला व्यक्ति बहुत भाग्यशाली होता है। ऐसी स्त्री अपने व्यवहार व वाणी से सभी का दिल जीत लेती है और परिवार को संजोकर रखती है। ऐसे परिवार में झगड़े नहीं होते हैं और हमेशा खुशहाली बनी रहती है।

धन का संचय करने वाली स्त्री

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बुरे समय में धन व्यक्ति के बहुत काम आता है इसलिए जिस व्यक्ति की पत्नी में धन के संचय करने की आदत होती है, वह व्यक्ति बहुत भाग्यशाली होता है। ऐसे व्यक्ति को बुरा समय आने पर परेशान नहीं होना पड़ता है। वह संचित किए गए धन को अपने बुरे समय में उपयोग में लाता है और उसे किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता है ।

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