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Chanakya Niti: इन पक्षियों के गुण अपनाने से सफलता चूमेगी कदम, चाणक्य निति में है ज़िक्र
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य ने अपने नीतियों के जरिए यह बताया है कि जीवन में किस-किस प्रकार से सफलता हासिल की जा सकती है. चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को छोटी सी चींटी भी जीवन की महत्वपूर्ण सीख दे सकती है. आचार्य चाणक्य एक कुशल वक्ता तो थे ही, लेकिन इसके साथ ही उनकी कही बातें आज के दौर में भी सही साबित होती है.आचार्य चाणक्य को विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में गिना जाता है. आईए जानते हैं कि चाणक्य नीति में किस तरह व्यक्ति पक्षियों से जीवन में सफलता के राज जान सकता है.
बगुले से अपनाएं ये गुण
इंद्रियाणि च संयम्य बकवत् पंडितो नरः।
वेशकालबलं ज्ञात्वा सर्वकार्याणि साधयेत्।।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य बता रहें हैं कि व्यक्ति को सफलता हासिल करने के लिए बगुला गुण सबसे उपयोगी हैं. चाणक्य का कहना है कि बगुला अपनी सभी इन्द्रियों पर अच्छी तरह काबू रखता है और सफलता के लिए इन्द्रियों पर काबू रखना बहुत जरूरी है. जो शख्स अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण नहीं रख पाता है, उसका मन व्याकुल रहता है. ध्यान केंद्रित रखने से सफलता पाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती हैं.
कोयल से सीखें ये गुण
तावन्मौनेन नीयन्ते कोकिलश्चैव वासराः ।
यावत्सर्वं जनानन्ददायिनी वाङ्न प्रवर्तते॥
आचार्य इस श्लोक में महत्वपूर्ण शिक्षा दे रहे हैं. आचार्य कह रहे हैं किवाणी से व्यक्ति के व्यवहार का ज्ञात होता है. चाणक्य नीति में बताया गया है कि जिस तरह कोयल मीठा न बोलने तक मौन रहती है, उसी प्रकार अच्छे बोल न बोलने वाले को शांत रहना चाहिए. वह क्योंकि मीठी वाणी मित्रों को आमंत्रण देती है और कड़वाहट शत्रुओं को. इसलिए भले ही कम बोलें मगर मीठा बोलें.
मुर्गे से लें ये आदत
प्रत्युत्थानं च युद्ध च संविभागं च बन्धुषु।
स्व्यमाक्रम्य भुक्तं च शिक्षेच्चत्वारि कुक्कुटात्।।
चाणक्य नीति में बताया गया है आलस्य शत्रु के समान है. इसलिए व्यक्ति को मुर्गे से सूर्योदय से पहले उठने के गुण सीखने चाहिए. साथ ही मुर्गा मिल बांटकर खाना खाता है और अपने प्रतिद्वंदियों से डटकर मुकाबला करता है.