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धर्म-अध्यात्म
Chanakya Niti : बड़ों के आशीर्वाद और छोटों के स्नेह से मिलती है सफलता, जाने
Bhumika Sahu
18 Nov 2021 12:56 AM GMT
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Chanakya Niti : चाणक्य नीति में बताया गया है कि जीवन में किस लोगों का आशीर्वाद और स्नेह बेहद जरूरी होता है, जिससे जीवन में सफलता मिलती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य को हर एक क्षेत्र का गूढ ज्ञान था. उन्होंने सालों पहले हर एक विषय पर जो बातें कहीं थी, वो आज के वक्त में एक दम सटीक साबित होती दिखाई दे रही हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति के कर्म उसे सफल और असफल दोनों बनानते हैं. हम जिस तरह का आचरण करते हैं वहीं, हमको भविष्य में भी मिलते हैं. चाणक्य की मानें तो श्रेष्ठ मनुष्य वही है जो अपनी जिम्मेदारियों को पूर्ण अनुशासन और ईमानदारी से पूर्ण करें.
आपको बता दें कि चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति ऐसा करने में सफल होता है, उन पर सदा ही मां लक्ष्मी जी और माता सरस्वती अपनी कृपा बनाए रखती हैं. शास्त्रों में लक्ष्मी जी को धन, सुख समृद्धि और वैभव की देवी माना गया है. इसके साथ ही कलयुग में लक्ष्मी जी को विशेष स्थान दिया गया है, लक्ष्मी मां का आशीर्वाद कष्टों को दूर करने में सहायक है. जबकि माता सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है. चाणक्य के अनुसार जिन लोगों को लक्ष्मी जी और माता सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है उनकी सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. ऐसे में जीवन में ज्ञान और धन दोनों ही अहम होते हैं, लेकिन इसके साथ कुछ और भी बातें हैं, जिनका ध्यान रखा जाना चाहिए-
बड़ों का आदर करें
चाणक्य नीति में बताया गया है कि जीवन में हमेशा ही अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए. अगर हम अहंकार से परे होकर किसी भी बड़े का आदर करने से, तो आशीवार्द प्राप्त होता है. बड़ों का आशीर्वाद जीवन में आत्मविश्वास को बढ़ाता है. वैसे भी हर एक कार्य को पूर्ण करने के लिए सबसे पहले जिस चीज की आवश्यकता पड़ती है वो है, आत्मविश्वास. अगर आपके अंदर आत्मविश्वास नहीं है तो जीवन में आप कुछ भी नहीं पा सकते हैं.
छोटों का स्नेह प्राप्त करें
चाणक्य कहते हैं कि बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ साथ जिस एक और अहम बात का ध्यान रखना चाहिए वो है छोटे यानी कि अपने अनुजों का भी स्नेह प्रदान करना चाहिए. जीवन में वही व्यक्ति सफलता पाता है जो बड़ों का आशीर्वाद और छोटों का प्यार लेने में कामयाब होता है. ऐसे व्यक्ति के लिए जीवन का कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता है. ऐसे लोग हर स्थान पर आदर और सम्मान प्राप्त करते हैं. ऐसे लोग प्रेम और करूणा से पूर्ण होते हैं. प्रेम और करूणा ही व्यक्ति को श्रेष्ठ बनाती है.
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