धर्म-अध्यात्म

चाणक्य नीति ने कहा, ये लोग ज्यादा खतरनाक होते हैं, हमेशा रहें सचेत

Shiddhant Shriwas
18 Jun 2021 3:10 AM GMT
चाणक्य नीति ने कहा, ये लोग ज्यादा खतरनाक होते हैं, हमेशा रहें सचेत
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सैकड़ों वर्षों पहले चाणक्य नीति में लिखे गए आचार्य के विचार आज की परिस्थितियों में भी काफी हद तक सटीक साबित होते हैं और लोगों को चुनौतियों से बचने और जीवन को बेहतर बनाने की राह दिखाते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य के विचारों को जीवन में उतार पाना थोड़ा कठिन है, क्योंकि उनकी बातें काफी कठोर हैं. लेकिन अगर एक बार किसी शख्स ने उनकी बातों पर अमल करना सीख लिया तो वो जिंदगी की तमाम चुनौतियों को अपनी बुद्धिमत्ता, साहस और हौसले से ही मात दे देगा. आचार्य चाणक्य ने सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक आदि जीवन की हर परि​स्थिति का बारीकी से अध्ययन किया. अपने बुद्धि कौशल के दम पर ही उन्होंने एक साधारण से बालक को सम्राट बनाया.

जीवन भर के अनुभव के आधार पर आचार्य ने अपने कुछ विचार और नीतियों को चाणक्य नीति में लिखा. सैकड़ों वर्षों पहले चाणक्य नीति में लिखे गए उनके विचार आज की परिस्थितियों में भी काफी हद तक सटीक साबित होते हैं और लोगों को चुनौतियों से बचने और जीवन को बेहतर बनाने की राह दिखाते हैं. आचार्य ने चाणक्य नीति में काले मन वाले व्यक्ति को काले नाग से भी कहीं ज्यादा खतरनाक बताया है और ऐसे लोगों से बचकर रहने की सलाह दी है. विस्तार से जानिए काले मन वाले लोगों से उनका क्या अभिप्राय है.
काले मन वाला काले नाग से भी बुरा होता है' – आचार्य चाणक्य
काले मन वाले शख्स से आचार्य का तात्पर्य उन लोगों से है तो दोहरा व्यक्तित्व जीते हैं. जो आपके मुंह पर कुछ और होते हैं और पीठ पीछे कुछ और होते हैं. ऐसे लोग कभी किसी की तरक्की से खुश नहीं होते. किसी को आगे बढ़ते देख ये अपने मन में बैर पालकर बैठ जाते हैं और उसके कद को नीचे गिराने की हर संभव कोशिश करते हैं.
आचार्य चाणक्य का कहना था कि काला नाग व्यक्ति पर तभी हमला करता है, जब आप उसे छेड़ते हैं. लेकिन ये लोग बगैर किसी कारण ही आपके जीवन को खराब करते हैं. इनके मन में ईर्ष्या का भाव इस कदर होता है कि ये ​दूसरे की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.
ऐसे लोग मुंह पर इतना मीठा बोलते हैं कि इन्हें समझ पाना बहुत मुश्किल होता है. जबकि दूसरों के मन में ये उस व्यक्ति के लिए जहर घोलने का काम करते हैं. ऐसे लोगों पर भरोसा करना बहुत खतरनाक हो सकता है. इसीलिए आचार्य ने ऐसे लोगों को काले मन वाला बताया है और इन्हें काले नाग से भी ज्यादा खतरनाक माना है.


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