धर्म-अध्यात्म

चाणक्य नीति : रिश्तों को मधुर और मजबूत बनाए रखने के लिए आचार्य की ये सीख कभी न भूलें

Renuka Sahu
22 Jun 2022 1:00 AM GMT
चाणक्य नीति : रिश्तों को मधुर और मजबूत बनाए रखने के लिए आचार्य की ये सीख कभी न भूलें
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फाइल फोटो 

धर्म, राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज आदि तमाम विषयों पर अगर व्यवहारिक न​जरिए से कुछ सीखना चाहते हैं तो आपको आचार्य चाणक्य की ​नीतियों को जरूर समझना चाहिए.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। धर्म, राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज आदि तमाम विषयों पर अगर व्यवहारिक न​जरिए से कुछ सीखना चाहते हैं तो आपको आचार्य चाणक्य की ​नीतियों को जरूर समझना चाहिए. आचार्य चाणक्य की नीतियां आज के समय में भी एकदम फिट बैठती हैं. इसीलिए लोग उन्हें लाइफ मैनेजमेंट कोच के तौर पर देखते हैं.

आचार्य ने ​तक्षशिला विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की और यहीं शिक्षक पद पर रहकर तमाम विद्यार्थियों को सही राह दिखलाई और उनका भविष्य संवारा. आचार्य ने यहीं रहकर तमाम ग्रंथों की रचना भी की. उनमें से आचार्य का नीति शास्त्र ग्रंथ काफी लोकप्रिय है. इसमें जीवन की तमाम स्थितियों से जुड़ी बातें लिखी हैं जो इंसान के जीवन को बेहतर बनाने में काफी उपयोगी हैं. यहां जानिए रिश्तों को मधुर बनाए रखने के लिए आचार्य ने क्या सीख दी है.
ईमानदारी बरतें
आचार्य का मानना था कि कोई भी रिश्ता मधुर तभी रह सकता है, जब आप उस रिश्ते को पूरी ईमानदारी से निभाएं. झूठ और फरेब के आधार पर बनाया गया रिश्ता बहुत दिनों तक टिक नहीं सकता. इसलिए किसी स्वार्थ के लिए रिश्ता न बनाएं. जब भी बनाएं तो उसे पूरे दिल से निभाने का प्रयास करें.
अहंकार से दूर रहें
रिश्ते आपसी सामन्जस्य और सहयोग से फलते फूलते हैं. दो लोगों के बीच आपसी सहयोग ज्यादा या कम हो सकता है. जिस दिन आपके अंदर ज्यादा करने का अहंंकार आ गया, उस दिन से आप रिश्ते को निभा नहीं पाएंगे. बल्कि दूसरे व्यक्ति से अपनी वाहवाही सुनना चाहेंगे और उस पर अपना अहसान दिखाना चाहेंगे. इन स्थितियों के बीच संबन्ध कभी मधुर नहीं रह सकते. इसलिए अपने अंदर कभी अहंकार न आने दें.
मीठी वाणी बोलें
मधुर रिश्ते बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आपकी वाणी भी मधुर हो. कटु वचन कभी आपको किसी का प्रिय नहीं बना सकते. मधुर वाणी और गरिमामयी व्यवहार के साथ व्यक्ति खुद भी सम्मान पाता है और दूसरों के साथ अपने रिश्ते को भी बेहतर तरीके से निभाता है.
विनम्र रहें
रिश्ते में कोई आपसे छोटा हो या बड़ा हो, विनम्रता के आभूषण को कभी खुद से दूर न होने दें. विनम्रता किसी का ​भी ​मन मोह सकती है. विनम्रता के साथ आप किसी भी संबन्ध को अच्छे से निभा सकते हैं.


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