धर्म-अध्यात्म

Chanakya Niti : इन तीन कामों को करने में कभी न करें देरी, वरना पछताने पडेगा

Bhumika Sahu
27 Jan 2022 2:20 AM GMT
Chanakya Niti : इन तीन कामों को करने में कभी न करें देरी, वरना पछताने पडेगा
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आचार्य चाणक्य ने जीवन के तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर शिक्षाप्रद बातें कही हैं. आचार्य की बातें आज के समय में भी प्रासंगिक हैं, इस कारण उन्हें एक बेहतरीन लाइफ कोच के तौर पर देखा जाता है. यहां जानिए उन तीन कामों के बारे में जिन्हें चाणक्य से शीघ्र करने की बात कही है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जीवन में व्यक्ति को बहुत से काम करने होते हैं. कुछ काम ऐसे होते हैं, जिन्हें अगर टाल भी दिया जाए तो आपकी हानि नहीं होगी, वहीं कुछ काम इतने महत्वपूर्ण होते हैं, कि इन्हें प्राथमिकता (Priority) पर करना जरूरी होता है. अगर ऐसा नहीं किया जाए तो व्यक्ति को अंत में पछताना ही पड़ता है. आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) ने भी चाणक्य नीति (Chanakya Niti) ग्रंथ में ऐसे ही कुछ कामों का जिक्र किया है. इन कामों की महत्ता को समझकर जो व्यक्ति खुशी खुशी इन्हें प्राथमिकता के साथ करता है, उसका जीवन खुशहाल रहता है. साथ ही प्राण त्यागते समय भी उसके अंदर संतोष रहता है. यहां जानिए ऐसे 3 कामों के बारे में.

1. हर व्यक्ति जिसने जन्म लिया है, वो तमाम कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से बंधा हुआ है. आचार्य चाणक्य का मानना था कि व्यक्ति को अपने निजी कार्योंं को समय से करने के साथ पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी सेहतमंद रहते ही निपटा लेना चाहिए. समय का कुछ पता नहीं होता. ​कब ​किस व्यक्ति को कौन की बीमारी घेर ले और वो अपने कामों को कर पाने में असमर्थ हो जाए, वहीं व्यक्ति की मृत्यु भी अनिश्चित ही है. इसलिए ऐसे कामों के लिए बुढ़ापे का इंतजार न करें. समय रहते अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करने से आपको समाज में भी मान मिलेगा और आप इससे पुण्य भी हासिल करेंगे. वरना मृत्यु के समय आपके मन में असंतोष व्याप्त रहेगा.
2. दान पुण्य न सिर्फ व्यक्ति के पापों को काटते हैं, बल्कि उसके जीवन को भी संवारने का काम करते हैं. शास्त्रों में भी दान का महत्व बताते हुए कमाई का एक हिस्‍सा दान-पुण्‍य में खर्च करने की बात कही गई है. दान पुण्य करने के लिए अमीर होने या बुढ़ापे की उम्र का इंतजार नहीं करना चाहिए. इसे जीवन का हिस्सा बना लेना चाहिए और समय समय पर अपने धन का सदुपयोग करना चाहिए. लोगों की मदद करनी चाहिए और पुण्य कमाना चाहिए.
3. आचार्य का मानना था कि इनके अलावा भी अगर आपके मन में किसी महत्वपूर्ण कार्य को करने का खयाल आता है, तो उसे कल पर न टालें. जल्द से जल्द निपटाने का प्रयास करें क्योंकि कल का कोई भरोसा नहीं. लेकिन अगर कोई बुरा खयाल आए तो उसे हमेशा टालने का प्रयास करें, ताकि टालने से वो खयाल कमजोर पड़ जाए और आपका अहित होने से बच जाए.


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