धर्म-अध्यात्म

Chanakya Niti: विद्या के बलबूते धन तो प्राप्त किया जा सकता है लेकिन विद्या नहीं

Nilmani Pal
17 Nov 2020 3:01 PM GMT
Chanakya Niti: विद्या के बलबूते धन तो प्राप्त किया जा सकता है लेकिन विद्या नहीं
x
वो मनुष्य जिसके पास विद्या, तप, ज्ञान, गुण व दया का भाव नहीं है वो किसी पशु के समान ही होता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चाणक्य की मानें तो वो मनुष्य जिसके पास विद्या, तप, ज्ञान, गुण व दया का भाव नहीं है वो मनुष्य किसी पशु के समान ही होता है. इसी तरह चाणक्य शास्त्र में कुछ ऐसी महत्वपूर्ण नीतियों के बारे में बताया गया है जिनमें जीवन का ज्ञान छिपा हुआ है और उन नीतियों के बारे में हर किसी को जानना जरुरी है. ताकि जीवन में सफलता की सीढि़यां चढ़ी जा सके. आइए बताते हैं चाणक्य शास्त्र में दी गई कुछ ऐसी ही नीतियां.


ऐसा मनुष्य है सबसे शक्तिशाली

चाणक्य नीति में बताया गया है कि कौन सबसे ज्यादा शक्तिशाली है. चाणक्य नीति की माने तो वो व्यक्ति सबसे शक्तिशाली नहीं है जिसके पास सबसे ज्यादा धन हो बल्कि वो व्यक्ति सबसे ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है जिसके पास विद्या हो. क्योंकि विद्या के बलबूते धन तो प्राप्त किया जा सकता है लेकिन धन के बल पर विद्या नहीं आ सकती.


कौन है किसका दुश्मन

चाणक्य शास्त्र में बताया गया है कि कौन किसका दुश्मन है. भिखारी का दुश्मन कंजूस आदमी, मूर्ख आदमी का दुश्मन एक अच्छा सलाहकार और जब चोर रात को चोरी करने के लिए निकलता है तो उसका दुश्मन वो चंद्रमा है जो रौशनी करता है.


पशु समान है ऐसा मनुष्य

चाणक्य के मुताबिक जिस भी मनुष्य के पास विद्या, तप, ज्ञान, स्वभाव, गुण व दया का भाव नहीं है. वह मनुष्य नहीं बल्कि पशु समान है उनका इस पृथ्वी पर होना या ना होना एक बराबर है.


नहीं होना चाहिए अपनों के जाने का दुख

चाणक्‍य शास्त्र में बताया गया है कि अपनों के जाने का गम कभी नहीं करना चाहिए. जिस तरह पंछी वृक्ष पर रात को आराम करते हैं और भोर होते ही अलग अलग दिशाओं में खाने की तलाश में निकल पड़ते हैं. ठीक उसी तरह अगर हमारे अपने भी हमें छोड़कर चले गए हैं दुख नहीं मनाना चाहिए. आना और जाना प्रकृत्ति का नियम बताया गया है.


चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे. जिन्हें कौटिल्य के नाम से जाना जाता है. ये तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे. इनकी सलाह मानकर ही नंदवंश का नाश करके चन्द्रगुप्त मौर्य राजा बने थे. इन्होंने कौटिल्य शास्त्र की रचना की और ये शास्त्र आज भी प्रासंगिक माना जाता है.

Next Story