धर्म-अध्यात्म

Chanakya Niti : चाणक्य नीति स्त्रियों गुण और अवगुणों को लेकर क्या कहती है , जानिए

Bhumika Sahu
31 Dec 2021 2:05 AM GMT
Chanakya Niti : चाणक्य नीति स्त्रियों गुण और अवगुणों को लेकर क्या कहती है , जानिए
x
आचार्य चाणक्य समाज के निर्माण में स्त्रियों की भूमिका को सबसे ज्यादा खास मानते थे, लेकिन उन्होंने कुछ ऐसे अवगुणों का भी जिक्र किया है, जो अगर किसी स्त्री में उत्पन्न हो जाएं, तो सब कुछ समाप्त हो जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य का मानना था समाज के निर्माण में स्त्रियों की भूमिका बहुत खास होती है. शिक्षित और ज्ञान से पूर्ण स्त्रियां एक बेहतर समाज का निर्माण करती हैं. इसलिए स्त्रियों की शिक्षा बहुत जरूरी है.

आचार्य का मानना था कि पुरुष के साथ-साथ एक स्त्री की भी आस्था धर्म-कर्म के प्रति जरूरी है. परिवार के बच्चे सबसे ज्यादा परिवार की स्त्रियों के साथ ही अपना समय गुजारते हैं. ऐसे में अध्यात्मिक स्त्री बच्चों को भी अच्छे संस्कार देगी, जिससे अच्छे समाज का निर्माण होगा. साथ ही ऐसी स्त्रियां कभी धोखा नहीं देती हैं.
आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों के लिए अंहकार को बेहद खतरनाक बताया है. आचार्य के अनुसार जब एक स्त्री में अहंकार आता है तो उससे मां सरस्वती और लक्ष्मी दोनों रूठ जाती हैं. ऐसे में उसकी मति भ्रष्ट हो जाती है और परिवार की सुख-समृद्धि धीरे-धीरे नष्ट होने लगती है.
चाणक्य के अनुसार जिन स्त्रियों में लालच की भावना आ जाती है, उनके घर की सुख शांति भंग हो जाती है. ऐसे परिवार के लोगों का जीवन तनावपूर्ण बना रहता है. तनाव व्यक्ति की बुद्धि को प्रभावित करता है और इससे पूरे परिवार की तरक्की बाधित होती है.
स्त्री कभी दूसरे व्यक्ति के आश्रित नहीं छोड़ना चाहिए. ऐसा करने पर उसके चरित्र में दोष आ सकता है. इसलिए स्त्री की रक्षा उसी तरह करनी चाहिए जिस तरह आप अपने घर की तिजोरी की रक्षा करते हैं. स्त्री के मामले में कभी किसी पर यकीन न करें.


Next Story